फील परमार्थम फाउंडेशन ने बेसहारा बुजुर्ग के साथ मनाई खुशियों की दीपावली: सांसद विजय बघेल ने बुजुर्गों के साथ जलाई फुलझड़ी…कहा- आकाश ठाकुर, डॉ एस के शर्मा और उनकी टीम कर रहीं नेक कार्य

भिलाई। पूरे देश में सोमवार को धूमधाम से दीपावली का पर्व धूम धाम से मनाया गया। यह त्यौहार तो हर कोई अपने परिवार के साथ खुशियों के साथ मनाता है। परंतु ऐसे कई लोग हैं जिनका कोई अपना नहीं है, वे सड़क पर अकेला रहते है। उन लोगों के लिए दीपावली की मिठाई तो छोड़िए दो वक्त की रोटी खाने मिल जाए तो वो ही उनके लिए त्यौहार है।

क्या उनके बारे में आपने सोचा ? पर कोई है जो उनके बारे में सोच रहा है। फील परमार्थम फाउंडेशन ने बेसहारा बुजुर्गों के साथ एक नई जिंदगी पहल के तहत खुशियों की दिवाली मनाई। जिसमें दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल शामिल हुए और कार्यक्रम को सफल बनाया।

बताते चलें कि फील परमार्थम फाउंडेशन एक ऐसा समाजसेवी संस्था है जो‌ जरूरतमंदों की मदद कर रहा है। बेसहारा एवं मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों को खाना-पीना प्रदान करने के साथ-साथ उनकी देख-भाल, दवाई आदि का कार्य कर रहा है।

फील परमार्थम फाउंडेशन ने भिलाई के सेक्टर-3 में सड़कों पर रह रहे बेसहारा बुजुर्ग एवं मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को एक नई जिंदगी की मंशा से खुशियों की दीपावली मनाई। जिसमे दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल शामिल हुए।

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिससे बुजुर्ग लोग जमकर नाचने लगे उनके साथ उनकी खुशियों में विजय बघेल और मनीष पांडे सहित सभी उनके साथ नाचने लगे और दीपावली पर्व पर अनारदाना और फुलझड़ी जला कर दीपावली पर्व बुजुर्गों के साथ में मनाया गया।

सांसद विजय बघेल ने कहा की जों कई वर्षों से अपने घर को भुल गए बेसहारा बुजुर्गो के साथ दीपावली पर्व मना कर जो मुझे आत्मिक सुकुन मिलता है वो और कहीं नहीं मिलता। आज इनके बीच हम हमारी खुशियों को भुला कर उनके साथ खुशियों में शामिल हों कर दीपावली का त्यौहार मना रहे हैं।

मेरे जीवन की यह सबसे अच्छी दीवाली है। इससे बेहतरीन दीवाली और कोई नहीं हों सकतीं हमारे पास तो बहुत कुछ है इनके पास कुछ नहीं है। उनकी खुशियों में शामिल होने का आज मुझे सौभाग्य मिला। हर साल में अपनी दीपावली इन्हीं के साथ मनाऊंगा

ये भुखे प्यासे रोड पर बैठे रहते है, उनको लोग दुत्कारा करते थे कोई दया कर के रोटी दे देता अपना सुध-बुध खो चुके थे उनके सर पर ना कोई छत होती थी न तन पर कपड़े फटे पुराने मौले कपड़े पहने घुमते थे सर पर बालों की लठे जम जाती थी कई महीनों से नहाएं नहीं थे न ये सुन सकते थे न बोल सकते थे उनको यहां पर ला कर नहलाने से लेकर दवाई उनके जख्मों पर मरहम लगाने से लेकर उनकी अच्छे से देख भाल करने का काम आकाश ठाकुर, डॉ एस के शर्मा और उनकी टीम अपने खर्च से इनकी सेवा कर रहे है।

इनकी भक्ति में शक्ति है भगवान इन्हें इतनी शक्ति दें कि कोई भी बेसहारा बुजुर्ग रोड पर न रहे मैंने यहां पर एक पोस्टर देखा उसमें लिखा हुआ था क्या आप 8 रुपए का सहयोग कर सकते हैं, जी हां आप 8 रुपए का सहयोग कर सड़कों पर रह रहे बेसहारा लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं। हमें 8 रुपए हर घंटे एक बेसहारा बुज़ुर्ग मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति की देखभाल के लिए लगाते हैं, चलिए सड़कों से जिंदगी बचाते हैं।

इस अवसर पर दिनेश जयसवाल, नरेश यादव, रजनी कांत पाण्डेय, कमलेश दुबे, अशोक जैन, आकाश ठाकुर, अब्दुल नासिर सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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