Crime News: दूध लेने निकला था नाबालिग, युवती बहला-फुसलाकर ले गई अपने साथ… फिर करती रही रेप… देश में पहली बार दुष्कर्म के मामले में लड़की को मिली सजा

मल्टीमीडिया डेस्क। अभी तक आप किसी लड़के द्वारा लड़की की रेप( rape) करने के मामले में कोर्ट द्वारा सजा होने के बारे में सुना होगा. लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जहां कोर्ट ने पहली बार किसी लड़की (girl) को पॉस्को एक्ट (posco act) यानी दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई है. यह देश का पहला मामला हो सकता है जहां किसी युवती पर रेप का आरोप लगाया गया हो और उसे दोषी ठहराया गया हो. कार्ट ने दुष्कर्म की आरोपी युवती को 10 साल के कठोर कारावास और तीन हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. आरोपी युवती 2018 में बहला-फुसलाकर गुजरात ले गई थी और उसके साथ गंदी हरकतें की थी.

जानिए पूरा मामला
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूरा मामला इंदौर शहर के बाणगंगा पुलिस थाने का है. जहां 5 नवंबर 2018 को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा दूध लेने गया था. लेकिन लौटा नहीं, मुझे आशंका है कि उसे कोई बहला-फुसलाकर ले गया है. जिसके बाद पुलिस नाबालिक युवक की तलाश में लगी थी. पुलिस ने जब नाबालिक को तलाशा तो उसके साथ युवती भी पकड़ी गई. पुलिस जब नाबालिक से पूछताछ की तो उसने बताया कि 19 साल की राजस्थान की रहने वाली युवती बहला-फुसलाकर उसे गुजरात ले गई थी. जहां नाबालिक को टाइल्स फैक्ट्री में काम पर लगा दिया. इतना ही नाबालिग ने बताया कि युवती उसे बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करती थी.

माता-पिता से नहीं करने देती थी बात
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि युवती लड़के का मोबाइल अपने पास रखती थी. ताकि वो अपने माता-पिता से बात न कर सके. पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पाक्सों एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की नाबालिग को लेकर खुद किराए के मकान में रहती थी और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालती थी. पुलिस ने जब युवती पर लगे आरोपी की जांच की तो सही पाया गया. जिला अभियोनज अधिकारी ने बताया कि यह पहला मामला है कि जब किसी लड़की को पॉस्को एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है.

जानिए क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने पीड़ित किशोर को 50,000 हजार रुपये की अनुशंसा भी जताई है. स्पेशल कोर्ट ने युवती को सजा के दौरान कहा कि यह जरुरी नहीं है कि पॉस्को एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी हो, महिला भी हो सकती है. इस मामले में महिला दोषी पाई गई है. इसलिए इसे यह सजा सुनाया गया.

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