प्रदेश सरकार और विधायक पर बरसे पूर्व मंत्री पांडेय: बोले-सिर्फ भिलाई को भ्रमित कर रहे हैं सरकार और विधायक…3 साल में न दो टाइम पानी दे पाए और न ही टाउनशिप में बिजली बिल हॉफ करा पाए

भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय ने आज फेसबुक लाइव के माध्यम से राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस सरकार और स्थानीय विधायक पर भिलाईवासियों को गुमराह करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग आज भिलाईवासियों को बिजली आधे दाम पर देने की बात कह रहे हैं वे लोग पिछले तीन सालों से न तो भिलाई में दो वक्त का पानी नहीं दिला पाए और न ही साफ पानी उपलब्ध करा पाए। उन्होंने भिलाईवासियों से आव्हान किया कि ऐसे लोगों के बहकावे में न आयें।

श्री पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, इस्पात सचिव से मिलकर सीएसपीडीसीएल को भिलाई टाउनशिप में बिजली व्यवस्था संभालने देने की मांग किये हैं। इसके पीछे उन्होंने भिलाई टाउनशिप के लोगों को राज्य सरकार द्वारा घोषित 400 यूनिट तक बिजली के दाम आधा करने का लाभ नहीं मिल पाना बताया। जिसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र को अपने लाइसेंस को डि लाइसेंसी करवाना पड़ेगा। इस षड्यंत्र में भी कुछ लोग हिमायती बनकर सामने आ रहे हैं और हुडको का उदाहरण सामने रख रहे हैं। आधे दाम में बिजली देने की बात कहकर भिलाई के विधायक, कांग्रेस सरकार और बीएसपी के कुछ अधिकारी मिलकर यह षड्यंत्र रच रहे हैं ताकि भिलाई टाउनशिप को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। जबकि सीएसपीडीसीएल आज भी चाहे तो आधे दाम पर बिजली दे सकती है, उसे किसी ने नहीं रोका है।

श्री पाण्डेय ने कहा कि बीएसपी के अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा हैं कि बिजली का 19 करोड़ रूपए का बिल बकाया है। इसमें से 6 करोड़ की राशि ऐसी है जो 5 साल से उपर की है बाकी के लगभग 14 करोड़ रूपए 5 साल से कम की बकाया राशि हैं, इसमें भी 5 करोड़ रूपए ऐसा है जो एक साल के अंदर का ड्यू है।

इस तरह से देखा जाए तो लगभग 6 करोड़ की राशि ऐसी है जो वसूली नहीं जा सकती। इस 6 करोड़ रूपए की वसूली नहीं होने के कारण उसकी भरपाई यदि प्रबंधन 116 करोड़ रूपए सीएसपीडीसीएल को देकर करे, जिससे कि इंफ्रास्ट्र्क्चर का विकास किया जा सके। 6 करोड़ के हिसाब से देखा जाए तो 116 करोड़ रूपए की राशि के साथ प्रबंधन लगभग 16-17 सालों तक बीएसपी टाउनशिप में नुकसान उठाकर बिजली दे सकता है।

इन लोगों द्वारा जानबूझकर आर्थिक नुकसान का बहाना बनाया जा रहा है। पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री जी यदि सच में आधे दाम में बिजली देना चाहते हैं तो उनके पास तो स्वयं सारे आंकड़ें है, उसका आधा पैसा उस उपभोक्ता के बिलिंग में से काटकर वापस दे सकते हैं। लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे क्योंकि उन्होंने लोगों को लाभ देना नहीं है, बल्कि अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपना है क्योंकि वे इस कला में माहिर हैं। इसी वजह से ये पिछले 2 वर्षों से केवल बहाने बना रहे हैं। आज तीन वर्षों से लोगों को दो टाइम का पानी नहीं मिल पा रहा है। लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, फिर भी इनके हिमायती लोग पानी पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

सीधा रास्ता अपनाने की बजाय करते हैं लोगों को भ्रमित
श्री पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस सरकार सिर्फ लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही हैं। आज भी लोगों को आधे दाम के बिजली का लाभ दिलाने की बजाय उन्हें गुमराह कर रहे हैं कि यह बीएसपी के लाइसेंस में है इसलिए हम नहीं करा पा रहे जबकि वे चाहें तो यह राशि बीएसपी को ट्रासफर कर सकते हैं।

साफ पानी नहीं दिला पाए, लोगों पर बढ़ा आर्थिक बोझ
श्री पाण्डेय ने कहा कि बीएसपी टाउनशिप में लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा। बीएसपी के अधिकारी ये कहते हैं कि इरिगेशन विभाग साफ पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा। पिछले एक साल से लोगों को 40-50 रूपए प्रति कैन के हिसाब से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पटरीपार के लोगों के लिए जहां नल- जल योजना के तहत लगभग 450 करोड़ रूपए खर्च करके व्यवस्था बनाई गई, वहां भी टैंकरों की लाईन लगी रड़ी है। इससे साफ है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से भागती है और इसे दूसरों पर थोपती है।

टाउनशिप में पाईपलाईन का संधारण कराना ज्यादा जरूरी
श्री पाण्डेय ने कहा कि प्रबंधन यदि सीएसपीडीसीएल को 116 करोड़ रूपए देना चाहती है तो इससे पहले वे भिलाई टाउनशिप में वर्षों पुरानी जर्जर पेयजल की पाईप लाईन को सही कराए। लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

वादा करना आता है, निभाना नहीं
श्री पाण्डेय ने इन भ्रमित करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये लोग चुनाव के वक्त लीज दिलाने का वादा किये थे लेकिन आज न तो वो वादा है और न ही वो लोग जो लीज-लीज का नारा लिये घूमा करते थे। आश्चर्य है कि ओए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी भी इन्हीं की भाषा बोलते हैं। दुर्भाग्य की बात है कि केम्प में 170 लोगों की झोपड़ियां जल गई, जिनके लिए हमने मुख्यमंत्री सहायता निधि से प्रत्येक परिवार को 2 लाख रूपए देने की मांग की थी। यह राशि कुल 3 करोड़ 40 लाख ही होती लेकिन इन लोगों ने यह कोशिश भी नहीं की और सिर्फ लोगों को गुमराह करते चले आ रहे है।

Exit mobile version