दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस द्वारा जब्त सोने के जेवर पर महिला पुलिसकर्मी की नियत बिगड़ गयी। बताया जा रहा है कि जब्ती के सोने को मालखाने में जमा कराने के बजाये महिला कांस्टेबल ने उसे अपने पास ही रख लिया था। मामले का खुलासा होने के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने एक्शन लेते हुए तत्काल महिला कांस्टेबल को लाइन अटैच कर दिया है।
सीएसपी स्क्वायड ने कुछ महीने पहले थानेदार की बहन से सोने के जेवर चोरी के मामले में चोर को पकड़ा था। आरोपी से सोने के गहने जब्त हुए थे, जो कि सिंधिया नगर निवासी विवेक द्विवेदी के थे। उन्होंने सुपुर्दगी के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया, जिसके आदेश को लेकर थाने पहुंचे तो वह सोना प्रार्थी को सुपुर्दगी मिलने के बजाय थाने से ही गायब हो गया।
मामले की शिकायत विवेक द्विवेदी और थानेदार की बहन ने पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला से की, जिस पर तत्काल एसपी ने महिला विवेचक मोनिका गुप्ता को मोहन नगर थाने से पुलिस लाइन भेज दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला-
जानकारी के मुताबिक सिंधिया नगर दुर्ग निवासी विवेक द्विवेदी के यहां बीते वर्ष चोरी की घटना हुई थी, जिसमें उनके घर से 32 हजार रुपए नकद और करीब 6.5 तोला से अधिक सोना चोरी हो गया था। मोहन नगर थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन आरोपी का पता नहीं चला।
इसी बीच कुछ माह पहले सिविल की टीम ने आरोपी पीतांबर राव (55) को पकड़कर उसे मोहन नगर थाने को सौंपा गया। मामले की विवेचना कर रही हवलदार मोनिका गुप्ता को सोने के जब्त जेवरात भी सौंपे गए, लेकिन विवेचक मोनिका ने जब्त सोने के जेवर को मालखाने में जमा करने के बजाय अपने पास रख लिया।
प्रार्थी विवेक द्विवेदी को आरोपी के पकड़े जाने की खबर लगी। उन्होंने चोरी के सामान की सुपुर्दगी के लिए कोर्ट से आदेश लेकर थाने पहुंचा। जहां उन्हें पता चला कि उनका सामान तो थाने में है ही नहीं, जबकि पुलिस ने उसे जब्ती बताया था।
विवेक द्विवेदी की पत्नी पूर्व में सुपेला थाने में पदस्थ थानेदार की बहन है। बावजूद इसके मोहन नगर थाने से उनका जब्ती का सामान गायब हो गया। इन सब का आरोप महिला हवलदार पर आना चर्चा का विषय बना हुआ है।