दुर्ग में हाई स्पीड ट्रेन का सफल परीक्षण: 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली ट्रेन…320 किमी का सफर 3.45 घंटे में किया तय

दुर्ग। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में अब दुर्ग से झारसुगड़ा तक का सफर महज पांच घंटे में तय होगा। इसके लिए गुरुवार को रेलवे ने दुर्ग से झारसुगड़ा तक डाउन लाइन में हाई स्पीड परखने के लिए ट्रायल किया। इस दौरान ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलाई गई। इससे पहले तक आमतौर पर ट्रेनें इस रूट पर 80 से 110 किलोमीटर रफ्तार से चलती थी। शुक्रवार को भी बिलासपुर से दुर्ग के बीच मिडिल लाइन का परीक्षण किया जाएगा।

रेलवे ने दुर्ग से झारसुगुड़ा तक ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए गुरुवार को ट्रायल हुआ। नया ट्रैक तैयार होने के बाद 24 कोच की ट्रेन दुर्ग से सुबह 6.50 बजे रवाना हुई। वहां से 8.30 बजे बिलासपुर होते हुए 10.35 बजे झारसुगुड़ा पहुंच गई। दुर्ग से बिलासपुर तक पहुंचने में ट्रेन को एक घंटे 40 मिनट का समय लगा। जबकि महज तीन घंटे 45 मिनट में ट्रेन झारसुगड़ा पहुंच गई। दुर्ग से झारसुगुड़ा के बीच की दूरी 320 किमी है।

दुर्ग से झारसुगुड़ा के बीच इस सेक्शन में ट्रेनों की गति बढ़ाने के प्रयास पिछले कई सालों से चल रहा था। इसके लिए ट्रैक मरम्मत से लेकर संरक्षा से जुड़े कई कार्य कराए जा रहे थे। अब यह काम पूरा हो गया है और इंजीनियरिंग विभाग ने रिपोर्ट सौंपकर दी है। खास बात यह है कि ट्रायल के दौरान ट्रेन में उतना ही वजन रखा गया था, जितना परिचालन के दौरान रहता है। ट्रायल के बाद अब रिपोर्ट सीआरएस को भेजी जाएगी। वहां अनुमति मिलते ही इस सेक्शन पर ट्रेनें रफ्तार पकड़ लेंगी।

आज भी ट्रॉयल
ट्रॉयल दो दिन के लिए है। लिहाजा, सेक्शन के तीनों लाइन अप, मिडिल व डाउन में स्पीड ट्रायल किया जाएगा। वर्तमान में इस सेक्शन पर ट्रेनों की रफ्तार 80 से 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है। 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुरुवार को ट्रेन चलाई गई। इस सफल ट्रायल के साथ ही शुक्रवार को भी बिलासपुर और दुर्ग के बीच ट्रायल होगा। रेलवे के अफसरों ने बताया कि ट्रायल के दौरान 24 एलएचबी कोच की ट्रेन चलाकर देखा गया कि ट्रैक पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने में कोई दिक्कत तो नहीं है।

स्टेशनों में कम रही रफ्तार
बिलासपुर जोनल स्टेशन से ट्रेन गुजरी तो उसकी रफ्तार 50 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे थी। सामान्य तौर पर स्टेशन से 10 या 15 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलती है। ऐसे में जब लाइन से ट्रेन तेज रफ्तार में गुजरी तब यात्रियों की नजर टिकी रहीं। स्पीड ट्रायल इस ट्रेन की रफ्तार को स्टेशन में कम रखा गया था। बाकी आउटर में इसकी गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

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