दुर्ग में बड़ा सड़क हादसा, ट्यूशन जा रही छात्रा की दर्दनाक मौत: हाइवा ने साइकिल सवार बच्ची को कुचला… ड्राइवर को लोगों ने खूब पीटा और ट्रक में की तोड़फोड़, CSP समेत 4 थानों की पुलिस फाॅर्स रही तैनात

दुर्ग। दुर्ग शहर में शनिवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। इस हादसे में एक ट्यूशन जा रही छात्रा की मौत हो गई है। रेत से भरे हाइवा ने साइकिल सवार छात्र को रौंद दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयंकर था कि जिसने भी यह हादसा देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए।बोरसी क्षेत्र में ट्रक का पहिया छात्रा के सिर में चढ़ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने फरार होने की कोशिश कर रहे ड्राइवर को पकड़कर बहुत मारा और हाइवा में भी जमकर तोड़फोड़ किया। मिली जानकारी एक अनुसार बहुत समय के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बड़ी मशक्कत से माहौल को शांत कराया गया। ये घटना पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है।

बताया जा रहा है कि, बोरसी हानौदा धनौरा चौक में शाम 4 बजे एक रेत से भरा हाइवा धनोरा से हनौदा की ओर मुड़ते हुए जा रहा था। इसी दौरान मुक्तिधाम रोड के पास श्याम नगर बोरसी निवासी हिमांशी साहू, पिता लीलाधर साहू अपनी पिंक कलर की साइकिल से ट्यूशन जाने के लिए रवाना हुई थी। हाइवा चालक ने लापरवाही पूर्वक चलाते हुए छात्रा को अपनी चपेट में ले लिया। छात्रा साइकिल सहित हाइवा के पिछले चक्के में आ गई और चक्का उसके सर के ऊपर से गुजर गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई। हाइवा चालक डर के मारे गाड़ी वहीं छोड़कर भागने लगा। उसे लोगों ने दौड़ाकर पकड़ा और उसकी जमकर पिटाई कर दी।

सूचना पाकर करीब आधे घंटे बाद 112 की टीम पहुंची। उसने ड्राइवर को बचाया। तब तक लोगों ने हाइवा में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद सूचना पाकर पुलिस बल पहुंचा और पूरे क्षेत्र को कंट्रोल में लिया। दुर्घटना स्थल में किसी प्रकार का लॉ एंड आर्डर की स्थिति निर्मित ना हो, इसे देखते हुए एएसपी सिटी अभिषेक झा ने मोहन नगर, दुर्ग कोतवाली, पुलगांव और पद्मनाभपुर कुल चार थानों की फाॅर्स को वहां भेजा। इसके बाद वहां छावनी सीएसपी आशीष बंछोर, सीएस हेडक्वार्टर एलेकजेंडर किरो और अन्य पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। पुलिस ने लोगों के आक्रोश को देखते हुए आनन फानन में हाइवा को थाने भिजवाया। इसके बाद ड्राइवर को इलाज के लिए ले जाया गया और छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके बाद दुर्घटना स्थल में जो खून और शव के टुकड़े पड़े थे उसे पानी से धुलवाया गया।

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