भिलाई नगर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के सभी औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर से मुक्त करने की घोषणा की है। एमएसएमई जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष के.के. झा ने इस घोषणा पर अपार खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। झा पिछले कई माह से लगातार यह मांग कर रहे थे। पिछले माह 10 दिसंबर को भी उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश के औद्योगिक इकाइयों को “प्रॉपर्टी टैक्स से मुक्त प्रदेश” बनाए जाने की मांग की थी।
अध्यक्ष झा ने बताया कि एक वर्ष पहले एमएसएमई जिला उद्योग संघ की जनरल बॉडी की मीटिंग में इस मांग को प्रमुखता से रखा गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की गई थी कि उद्योगों के भविष्य के लिए जल्द से जल्द संपत्तिकर से मुक्त किया जाए। संघ की तरफ से यह मांग लगातार की जा रही थी तथा वे व्यक्तिगत रूप से भी इसके लिए प्रयासरत थे। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि जल्द ही यह घोषणा पूरी होगी क्योंकि हमारे मुख्यमंत्री उद्योगों को लेकर काफी संवेदनशील है।
झा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की यह घोषणा औद्योगिक जगत के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। प्रदेश का औद्योगिक जगत इस घोषणा से झूम उठा है। प्रदेश के जितने भी औद्योगिक संगठन है उनमें खुशी की लहर है। मुख्यमंत्री की यह घोषणा उद्योगों के लिए संजीवनी का काम करेगी और उद्योगपति उत्साहित होकर नए सिरे से काम में जुट जाएंगे। औद्योगिक क्षेत्र को संपत्तिकर से मुक्त रखने की इस मुहिम में जिन लोगों ने भी साथ दिया झा ने उनका भी आभार व्यक्त किया।
झा ने कहा कि उद्योग, प्रदेश के विकास की रीढ़ की हड्डी होते हैं। खासकर एमएसएमई उद्योग, जिनमें छोटे-बड़े मध्यम वर्ग के उद्योग शामिल हैं। नगर निगम द्वारा थोपे गए संपत्ति कर से इन्हें आर्थिक रूप से काफी नुकसान होता है। करोना काल के चलते पिछले दो-तीन वर्ष वैसे ही इन उद्योगों के लिए काफी कष्टदायक थे। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा लगातार औद्योगिक क्षेत्र के लिए कोई ना कोई घोषणा की जा रही थी, जैसे फ्री होल्ड जमीन, उद्योगों को बिजली दरों में रियायत, स्टांप शुल्क में छूट आदि।
झा ने कहा कि अब हम भी बड़े फ़क्र से कह सकेंगे कि प्रदेश के मुखिया ने हमारे लिए ठोस कदम उठाया है। देश के अन्य राज्यों में भी यह एक अच्छा मैसेज जाएगा कि छत्तीसगढ़ में एमएसएमई उद्योगों से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लिया जाता।