वेक्टरजनित रोग व मच्छरों से बचाव की पहल: सरकारी भवनों में जाली लगाने के साथ मच्छरदानी लगाने पर जोर… सीएस ने रोकथाम के लिए कलेक्टर व जिला पंचायतों को लिखे पत्र

भिलाई। भीषण गर्मी की शुरुआत होते ही प्रदेशभर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इनके प्रकोप से मलेरिया व डेंगू सहित कई गम्भीर बीमारियां उपन्न होती है। इसके रोकथाम के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रदेश में वेक्टरजनित रोगों की रोकथाम और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा है।

उन्होंने ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की सहभागिता से गांवों व शहरों में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने कहा है। उन्होंने मच्छरों को रोकने सभी सरकारी भवनों के दरवाजों व खिड़कियों में यथासंभव जाली लगाने कहा है।

मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि वेक्टरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया इत्यादि मच्छरों द्वारा फैलते हैं। गर्मी की शुरूआत से जून महीने तक सामान्यतः मच्छरों की संख्या कम होती है। इस अवधि में आगामी महीनों में उनकी वृद्धि को रोका जा सकता है और वेक्टरजनित रोगों के नियंत्रण और उन्मूलन का कार्य किया जा सकता है। उन्होंने नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने मच्छरों की बढ़ोतरी रोकने के लिए मार्च और अप्रैल महीने में सभी तालाबों में गंबुजिया और गुप्पी मछली छोड़ने कहा है। एक गंबुजिया मछली दिन में 300 लार्वा तक खा सकती है। इसलिए यह बायोवेक्टर नियंत्रण में प्रभावी होगा। मछली पालन विभाग से संपर्क कर ये मछलियां आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं। निजी आवासों में भी जाली लगाने के लिए लोगों को जागरूक करवाए।

उन्होंने पानी की टंकियों के ढक्कन की मरम्मत भी सुनिश्चित करने कहा है। मई और जून महीने में स्थानीय निकायों द्वारा फॉगिंग और इंडोर-स्प्रे की व्यवस्था सुनिश्चित करने भी कहा गया। इसके अलावा उन्होंने बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र उपचार में तेजी लाने, पानी निकासी को सुगम बनाने नालियों और नालों की सफाई के साथ एलएलएनआई (LLNI) मच्छरदानियों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार और उपलब्धता की समीक्षा और सभी गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन से मच्छरजनित बीमारियों से बच जा सकता है।



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