भिलाई। इस वक्त की बड़ी खबर दुर्ग जिले के भिलाई से निकल कर आ रही है। भिलाई में रुंगटा कॉलेज से आईटीआई करने वाले एक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली। छात्र के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जामुल पुलिस ने सूचना देकर परिजनों को बुला लिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला भेज दिया है।
दुर्ग जिले के लिटिया चौकी क्षेत्र अंतर्गत डोड़की गांव निवासी निखिल वर्मा (19 साल) ने शुक्रवार शाम फांसी लगाकर खुदकुशी है। निखिल के पिता संतोष वर्मा ने भास्कर को बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटी सेबसे बड़ी और मझला निखिल और फिर एक छोटा बेटा शाहिल वर्मा है। निखिल रुंगटा कॉलेज भिलाई से आईटीआई प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था।
परिजनों ने बताया कि निखिल किसी से अधिक बोलता नहीं था। अपने काम से काम रखता था। वो दिवाली की छुट्टी में घर गया। अपनी मां से पैसे लिए उसके बाद अपने लिए कपड़े भी खरीदा। त्यौहार के बाद 18 नवंबर को ही चला आया। परिजनों ने बताया निखिल बचपन से ही कम बोलता था। पढ़ाई में भी ठीक था। परिजनों ने भी उसे जल्दी जाने से नहीं रोका। उन्हें ये नहीं पता था कि उनका बेटा फिर वापस लौटकर नहीं आएगा।
निखिल ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। उसने एक नोट बुक में लिखा कि “सॉरी मां पापा आप लोगों को मेरे कारण कष्ट मिल रहा है। माफ करना” वहीं निखिल के पिता का कहना था कि उन्होंने न तो निखिल को डाटा और न उसका घर में किसी से कोई झगड़ा हुआ। उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया उन्होंने कोई भी जानकारी होने से मना किया है।
आईटीआई कोर्स के दौरान निखिल मनसा कॉलेज के सामने बीएसपी कर्मी लाल बहादुर चंद्रा के हॉस्टल में किराय से रहता था। वो इस हॉस्टल में रहने के लिए डेढ़ महीने पहले ही आया था। चंद्रा ने बताया कि निखिल हॉस्टल के दूसरे लड़कों से भी कम बात करता था। अकेले ही रहना पसंद करता था। वो त्यौहार मनाने घर गया था, लेकिन वोटिंग के अगले दिन यानि 18 नवंबर को भिलाई आ गया। हॉस्टल में एक दो दिन रहने के बाद रामनगर भिलाई में रहने वाले अपने बहनोई के घर चला गया था। वहां से फिर हॉस्टल आया। इसके बाद 24 नवंबर की शाम उसने फांसी लगा ली।