VIDEO: रायपुर में जय जगन्नाथ की गूंज… CM भूपेश बघेल ने की पूजा-अर्चना, छेरापहरा की रस्म भी निभाई; जगन्नाथ रथ यात्रा के बारे में जानिए 10 खास बातें

रायपुर। आज देशभर में जगन्नाथ रथ यात्रा मनाया जा रहा है। आज रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। ये यात्रा भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस भव्य यात्रा की खूबसूरती किसी का भी मन मोह लेती है। कहते हैं इस यात्रा के दर्शन करने से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। पूरी में आज जगन्नाथ जी उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम रथ में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। देशभर में अलग-अलग जगह इसी तरह से रथ यात्रा निकाली जाती है। इसी प्रकार रायपुर में भी गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर CM भूपेश बघेल ने पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री ने गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में की पूजा अर्चना :-

  • रथयात्रा से मुख्यमंत्री पूजा करके प्रतिमाओं को सिर पर विराजित करके रथ तक लेकर आए
  • मुख्यमंत्री ने रथयात्रा से पहले छेरापहरा (रथ के आगे सोने से बनी झाड़ू से बुहारना) की रस्म अदा की
  • इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

जानिए जगन्नाथ यात्रा की खास बातें

  • इस रथयात्रा के दौरान तीन अलग-अलग रथ निकाले जाते हैं जिसमें सबसे आगे बलराम का रथ, उसके पीछे सुभद्रा का रथ और उसके बाद जगन्नाथ भगवान का रथ होता है।
  • बलराम जी का रथ लाल और हरे रंग का होता है जिसे ‘तालध्वज’ कहते हैं। देवी सुभद्रा का रथा काले और नीले रंग का होता है जिसे दर्पदलन’ या ‘पद्म रथ’ कहा जाता है। वहीं भगवान जगन्नाथ का रथ लाल और पीले रंग से तैयार किया जाता है जिसे ‘नंदीघोष’ या ‘गरुड़ध्वज’ कहते हैं।
  • इन रथ को नीम की लकड़ियों से बनाया जाता है। इसे तैयार करने के लिए नीम के स्वस्थ और शुभ पेड़ों की पहचान की जाती है। खास बात ये है कि इन रथों को बनाने के लिए किसी भी प्रकार की कील या कांटे का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • इस रथयात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है। ढोल, नगाड़ों और शंखध्वनि के बीच भक्त इन रथों को खींचते हैं। कहते हैं जिन लोगों को रथ खींचने का अवसर प्राप्त होता है वो भाग्यवान होते हैं।
  • जगन्नाथ मंदिर से निकलकर रथयात्रा गुंडीचा मंदिर पहुंचती है। यहां जगन्नाथ भगवान, बलराम जी और देवी सुभद्रा सात दिनों तक विश्राम करते हैं। इस मंदिर में भगवान के दर्शन को आड़प दर्शन कहा जाता है।
  • गुंडीचा मंदिर भगवान की मौसी का घर माना जाता है। कहते हैं ये वही जगह है जहां विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी की प्रतिमाओं का निर्माण किया था।
  • कहते हैं रथयात्रा के तीसरे दिन देवी लक्ष्मी जगन्नाथ जी को खोजने यहां आती हैं। तब द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं, जिससे माता लक्ष्मी नाराज होकर रथ का पहिया तोड़ देती हैं। इसके बाद माता ‘हेरा गोहिरी साही पुरी’ नामक जगह पर चली जाती हैं, जहां देवी लक्ष्मी का मंदिर है। बाद में भगवान जगन्नाथ देवी लक्ष्मी को मनाने आते हैं।
  • आषाढ़ महीने की दशमी तिथि को रथ गुंडीचा मंदिर से पुन: मुख्य मंदिर की तरफ वापस लौटने के लिए तैयार हो जाता है। रथों की वापसी की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते हैं।
  • मंदिर पहुंचने के बाद भी जगन्नाथ भगवान, बलराम जी और देवी सुभद्रा की प्रतिमाएं उनके रथ में ही रहती हैं। क्योंकि इनके आगमन के लिए द्वार अगले दिन यानी एकादशी पर खोले जाते हैं।
  • रथयात्रा एक सामुदायिक आनुष्ठानिक पर्व है। इस दौरान लोग अपने घरों में पूजा नहीं करते और न ही किसी प्रकार का व्रत रखाते हैं। वास्तव में इस रथयात्रा के दौरान आस्था का जो भव्य वैभव प्रदर्शन देखने को मिलता है, वह शायद ही कहीं देखने को मिले।

CM बघेल ने छेरापहरा की रस्म भी अदा की

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा के शुभारंभ के अवसर पर प्रभु जगन्नाथ, भैया बलदाऊ और बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। इस दौरान रथयात्रा से पहले मुख्यमंत्री श्री बघेल विशेष पूजा-अर्चना एवं हवन के पश्चात प्रभु को सिर पर विराजित करके रथ तक लेकर आए और छेरापहरा (रथ के आगे सोने से बनी झाड़ू से बुहारना) की रस्म भी अदा की।

राज्यपाल हरिचंदन रथयात्रा महोत्सव में शामिल हुए
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज गायत्री नगर रायपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित श्री जगन्नाथ महाप्रभु के रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर देश एवं प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की एवं भगवान के प्रथम सेवक के रूप में छेरा-पहरा की रस्म निभाई। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों के सुख समृद्धि के लिए की कामना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ छत्तीसगढ़ के लोगों के भी अराध्य हैं। रथयात्रा का त्यौहार छत्तीसगढ़ में भी श्रद्धा-भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने भगवान जगन्नाथ से इस अवसर पर सभी लोगों की सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगा ।

श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा समेत कई लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर ऐजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, नगर निगम रायपुर के सभापति प्रमोद दुबे, जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा समेत अन्य गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

इनपुट- टाइम्स नाव (नवभारत)

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