जशपुर। जशपुर पुलिस ने स्थाई वारंटियों की तामीली हेतु एक बड़ा अभियान चलाया है, जिसके तहत दहेज प्रताड़ना के 03 आरोपीगणों को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा, और आने वाले सप्ताह में अन्य स्थाई वारंटियों की भी धरपकड़ की जाएगी। अब तक इस अभियान के तहत जिले में कुल 18 स्थाई वारंट तामील कर न्यायालय में पेश किए गए हैं।

वर्ष 2017 के नवंबर माह में आशीष मिश्रा नामक युवक और जशपुर की एक युवती के बीच आपसी रजामंदी से संबंध बनना शुरू हुआ। इसके बाद 2018 में रिंग सेरेमनी हुई और 2019 में दोनों का विवाह हुआ। प्रारंभ में सब ठीक था, लेकिन बाद में आशीष मिश्रा और उसके परिवार ने दहेज की मांग शुरू कर दी और नवविवाहिता को परेशान करने लगे। इसके बाद पीड़िता ने जशपुर पुलिस को शिकायत की। पुलिस और बाल विकास विभाग ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग का प्रयास किया, लेकिन आरोपी और उनके परिवार के लोग काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए। इसके बाद आरोपीगणों ने महिला के साथ और भी यातनाएं दीं।

जशपुर पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई करते हुए आरोपी आशीष मिश्रा, कल्याणी मिश्रा, और अनामिका मिश्रा के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया। जब आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में पेशी की कार्रवाई नहीं की गई, तो न्यायालय ने इन आरोपियों के खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी के निर्देशन में जशपुर पुलिस ने स्थाई वारंटियों की तामीली के लिए विशेष टीम गठित की। इस टीम में थाना जशपुर के निरीक्षक आशीष तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक एसन पाल, प्रधान आरक्षक मुकेश सिंह, आनंद श्रीवास्तव, शोभनाथ, विनोद तिर्की और महिला आरक्षक सुषमा बाई को शामिल किया गया। इस टीम ने रांची (झारखंड) में लगातार प्रयास करके इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और जशपुर न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेज दिया।

इस अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर जशपुर पुलिस ने कुल 08 स्थाई वारंटियों को गिरफ्तार किया और उन्हें न्यायालय में पेश किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने कहा कि, “अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी के नेतृत्व में जिले के सभी थानों में लंबित स्थाई वारंटों की तामीली के लिए टीमों का गठन किया गया है। जशपुर पुलिस का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक स्थाई वारंटों की तामीली की जाए ताकि पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके।”
