भिलाई। सुभाष चौक सुपेला में पट्टे की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे रजिस्ट्री कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामला वर्ष 2012 का है, जिन्होंने जमीन खरीदी उनकी मृत्यु हो चुकी है। जमीन चंद्रमोहन नायर ने 11 साल पहले आरोपी सुखदेव यादव से खरीदी थी। इसके बाद से वे रजिस्ट्री के पेपर में अपने पास ही रखे रहे।
उनकी मृत्यु के बाद परिजनों ने उक्त जमीन में मकान बनाने का फैसला लिया। सरकारी दफ्तरों से जानकारी जुटाई, सीमांकन कराया। इसके बाद पता चला कि जो रजिस्ट्री के पेपर उन्हें उपलब्ध कराए गए हैं, वे फर्जी हैं। उन्होंने 10 दिन पहले सुपेला थाने में मामले में शिकायत की। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आदर्श नगर निवासी सुखदेव के खिलाफ 420, 467 के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद से आरोपी की तलाश की जा रही थी। बुधवार को आरोपी पकड़ा गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है।
सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि मामला 2012 का है। मृतक चंद्रमोहन नायर के परिजनों ने करीब 10 दिन पहले शिकायत की। पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कराई गई थी। जमीन का खसरा नंबर 718, रकबा 7.82 डिसमिल में से करीब 5 हजार वर्गफीट बताई गई। इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इसकी बिक्री कर दी गई। नायर के परिजन जब जमीन पर कुछ निर्माण करना चाह रहे थे, तो पता चला कि जमीन पर कोई और काबिज है। इसके बाद सरकारी दस्तावेज और रिकार्ड निकलवाए गए। इसमें पता चला कि जमीन किसी और के नाम पर है। प्रार्थी के पास जो दस्तावेज हैं, वह फर्जी है। इसके बाद एफआईआर कर आरोपी को पकड़ा गया। मामले में पुलिस की विवेचना चल रही है।