भिलाई। इस साल विधानसभा चुनाव है और भाजपा भिलाई में इन दिनों सरेंडर की स्थिति में है। पूरे भिलाई में तो नहीं, लेकिन रिसाली निगम क्षेत्र में कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। दरअसल, नगर निगम भिलाई और भिलाई-3 चरोदा निगम में नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद नगर निगम रिसाली में नेता प्रतिपक्ष बनाना ही भाजपा भूल गई है। या तो कांग्रेस की शहर सरकार के सामने भाजपा सरेंडर की स्थिति में है या यहां पर नेता प्रतिपक्ष बनाना भाजपा भूल गई है। नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्यवेक्षक तक की नियुक्ति हो गई है। लेकिन पर्यवेक्षक और पार्टी के आला नेताओं के पास शायद वक्त नहीं है नेता प्रतिपक्ष चयन करने के लिए। स्थानीय पार्षद पशोपेश की स्थिति में है वो आगे क्या करें? अब तक रिसाली में हुए तीन सामान्य सभा में विपक्षी पार्षद अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पाए है। पार्षदों के बीच समन्वय नहीं होने की वजह से ये स्थिति निर्मित हो रही है।
रिसाली को अलग क्यों मान रहा संगठन…?
आपको बता दें कि नगर निगम रिसाली को भाजपा संगठन खुद से अलग क्यों मानते हैं, यह सवाल अक्सर उठते हैं। रिसाली निगम क्षेत्र को लेकर अलग से पार्टी के पास कोई खास रणनीति भी नहीं होती। जिला संगठन में भी रिसाली निगम क्षेत्र के आने वाले कार्यकर्ताओं को मौका नहीं दिया गया। इससे भी मंडल से जुड़े लोग सीनियर भाजपा नेताओं से खफा नजर आते हैं। अब नेता प्रतिपक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष और सचेतक जैसे पदों पर नियुक्ति नहीं करने की वजह से जिला संगठन के लोग निशाने में है।
जिन्हें पर्यवेक्षक बनाया, उनका भी पता नहीं
प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक को रिसाली निगम में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया था। उनके साथ पार्टी संगठन के नेता किरणदेव को सह-प्रभारी बनाया गया था। लेकिन दोनों ही अब तक बैठक लेने नहीं आए हैं। यहां के भाजपा पार्षद दोनों की राह ताक रहे हैं। इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया का कहना है कि, पार्टी ने रिसाली निगम में नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। जल्द ही बैठक लेने आएंगे। पर्यवेक्षक के यहां शादी समारोह होने की वजह से यह मामला टल गया था। हम जल्द ही रिसाली निगम में भी भिलाई और चरोदा निगम की तरह नेता प्रतिपक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष और सचेतक बनाएंगे। यह काम जल्द से जल्द कर लिया जाएगा।