रायपुर। मंगलवार को मोवा रायपुर के आरामभ स्कूल के छात्रों ने वाटिका एनिमल सेंचुरी का दौरा किया, जिसका उद्देश्य छोटे और बड़े जानवरों की भलाई, उनके संरक्षण और प्रति सहानुभूति विकसित करना था। इस यात्रा ने बच्चों में जानवरों के प्रति प्यार और जिम्मेदारी के भाव को और गहरा किया। छात्रों ने इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जानवरों जैसे कुत्तों, गायों और घोड़ों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि आश्रय में आने वाले जानवरों की देखभाल कैसे की जाती है और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।

आरामभ स्कूल में चल रहे ‘दान महोत्सव’ के अवसर पर, छात्रों ने जानवरों के लिए खाद्य सामग्री, दवा और अन्य आवश्यक सामान दान किए। इस पहल ने बच्चों को न केवल दान का महत्व सिखाया, बल्कि जानवरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझाया। वाटिका एनिमल सेंचुरी के संस्थापक ने छात्रों और स्कूल का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि आज के बच्चे चिड़ियाघरों की बजाय आश्रयों का दौरा कर रहे हैं। इससे उन्हें जानवरों के प्रति सहानुभूति और जिम्मेदारी का एहसास होता है।”

उन्होंने अन्य स्कूलों से भी निवेदन किया कि वे एनिमल सेंचुरी का दौरा करें, ताकि वे जानवरों के कल्याण और संरक्षण के प्रति जागरूक हो सकें। इस प्रकार के अनुभव बच्चों में दया और करुणा के भाव को विकसित करने में सहायक होते हैं।
