विकास के साथ असहायों का संवार रहा भविष्य :अब ज्योति विद्यालय में पढ़ेगी असहाय प्रतिज्ञा, महापौर कोसरे ने उठाया पढ़ाई का जिम्मा

भिलाई। नगर निगम भिलाई तीन चरोदा के महापौर नीरज कोसरे न केवल क्षेत्र का विकास करते हैं, बल्कि असहाय बच्चियों का भविष्य भी गढ़ते हैं। अब देवबलोदा की 6 वर्षीया असहाय बच्ची प्रतिज्ञा यादव अब शहर के नामी स्कूल में पढ़कर अपना भविष्य सवार सकेगी। मां के निधन के बाद इस बच्ची को पड़ोस में ही रहने वाली दूर के रिश्ते की नानी बिंदा यादव विगत एक वर्ष से लालन – पालन कर रही है। महापौर निर्मल कोसरे ने इस असहाय बच्ची को आज चरोदा के अंग्रेजी माध्यम स्कूल ज्योति विद्यालय में प्रवेश दिलाने के बाद 12वीं तक पढ़ाई में मदद की है।

मजदूर परिवार की बिंदा यादव ने बीते दिनों देवबलोदा में भूमिपूजन के दौरान महापौर निर्मल कोसरे के सामने बच्ची प्रतिज्ञा की स्कूली शिक्षा को लेकर गुहार लगाई थी। महापौर ने सारी बातें जानने के बाद बिंदा यादव और बच्ची को मंगलवार को निगम में बुलवाया था। महज 4 साल की नन्हीं-सी बच्ची प्रतिज्ञा की कहानी ने महापौर को झकझोर कर रख दिया।

दरअसल, प्रतिज्ञा की मां अब इस दुनिया में नहीं रही। पिता हैं, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि प्रतिज्ञा की परवरिश उनके बस की बात नहीं। लिहाजा मानवता के नाते पड़ोस में रहने वाली बिंदा बाई ने प्रतिज्ञा के परवरिश का जिम्मा उठा तो लिया, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वह उसे अच्छी शिक्षा दिला सके। बिंदा बाई जिस गांव से आकर देवबलोदा में रह रही है । वह प्रतिज्ञा की मां का मायका है। बस इसी आधार पर उसने असहाय प्रतिज्ञा को अपने साथ रख लिया।

महापौर निर्मल कोसरे ने पहल करते हुए वार्ड 25 के पार्षद एस वेंकट रमना के माध्यम से उक्त बच्ची का निःशुल्क दाखिला ज्योति स्कूल चरोदा के केजी वन में करा दिया है। इतना ही नहीं, कक्षा बारहवीं तक की पढ़ाई स्कूल में निःशुल्क कराने की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा कॉपी, पुस्तक पर होने वाले खर्च को महापौर और पार्षद ने स्वयं उठाएंगे

बच्ची का लालन पोषण कर रही बिंदा यादव ने बताया कि विगत 1 वर्ष पूर्व बच्ची की मां की मृत्यु हो गई थी और बच्ची के पिता मानसिक कमजोर है । इसके बाद से ही वह बच्ची का लालन-पोषण स्वयं कर रही है। उन्होंने महापौर निर्मल कोसरे व उनकी टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज बच्ची का स्कूल में दाखिला हो जाने के बाद उनकी सारी परेशानियां दूर हो गई हैं। वही बच्ची ने बताया कि वह पढ़- लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं।

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