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छत्तीसगढ़ में बदल गए है मौसम के मिजाज: अगले 12 घंटों के लिए मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट… दुर्ग सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट तो इन 8 जिलों में येलो अलर्ट… पढ़िए आज का पूर्वानुमान

छत्तीसगढ़ में बदल गए है मौसम के मिजाज: अगले 12 घंटों के लिए मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट… दुर्ग सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट तो इन 8 जिलों में येलो अलर्ट… पढ़िए आज का पूर्वानुमान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मौसम के मिजाज बदले-बदले से है। प्रदेश में और बारिश से तापमान में गिरावट आ गई है। मार्च के महीने में कई जिलों में सावन सी झड़ी लग गई है। पिछली रात और आज दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, जांजगीर-चांपा सही कई जिलों में अच्छी बारिश हुई।

पिछले कुछ दिनों से मौसम में हुए परिवर्तन के बाद राजधानी सहित प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत मिली है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते कई राज्यों में चक्रवर्ती तूफान के साथ बारिश भी हो रही है। छत्तीसगढ़ के भी अधिकांश जिले में शनिवार की सुबह से ही तेज गर्जन के साथ बूंदाबांदी शुरू है। बदले मौसम की वजह से आसमान में भी काले बादल छाये हुए है। इसी को लेकर अब मौसम विभाग ने अगले 12 घंटो के लिए ऑरेंज और यलो लिए अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 12 घंटो के दौरान 15 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है उनमें सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, पेंड्रारोड़, कोरबा, कबीरधाम, महासमुंद, दुर्ग, रायपुर, बालोद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर सहित कोंडागांव से लगे कुछ स्थानों में अंधड़ और ओला वृष्टि हो सकती है।

वहीं मौसम विभाग ने जिन 8 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है उनमें कोरिया, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, बेमेतरा, बलौदाबाजार, राजनांदगांव तथा उससे लगे हुए जिलों में गरज चमक के साथ वज्रपात हो सकता है।

जैसे-मेघगर्जन अथवा वज्रपात के समय समान्यतः अंधड़ चलने तथा ओला वृष्टि संभावित होता है। इसके कारण संचार साधनों तथा बिजली आपूर्ति भी बाधित होते है। मेघगर्जन के समय घर से बाहर ना निकले इससे उच्च शक्ति की बिजली के कारण मानव पशुओं, मकानो, भवनों की संरचना को नुकसान होता है।

ओलावृष्टि का प्रभाव आमतौर पर स्थानीय होता है लेकिन फसलों को विशेष रूप से महत्वपूर्ण चरणों मे नुकसान और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। हल्की ओलावृष्टि के बाद भी कीट और रोग के हमले होते हैं। बाल वाली फसल तथा चना आदि पर्क फसलों में ज्यादा नुकसान होता है। यदि फसल पक गया हो तो तुरंत काटकर सुरक्षित स्थान पर भंडारण कर लें।

महंगे फसल को सुरक्षित रखने के लिए नेट अथवा इसी तरह के उपपाय करें जिससे फसल पर सीधा ओला वृष्टि का प्रभाव कम से कम हो। अंधड़ से फसलों को बचाने के लिए आस पास पर्याप्त मात्रा मे ऊंचे पेड़ पंक्ति में लगाये अथवा इसी तरह के उपाय करें।

राजधानी में बदली और राजनांदगांव-भिलाई में शुरू हुई बौंछारें
शनिवार सुबह से प्रदेश में ठंडी हवाएं चल रही है। राजधानी में सुबह से ही बदली छाई हुई है और बारिश के छीटें पड़ने के आसार है। वहीं, राजनांदगांव और भिलाई में हल्की बूंदाबांदी के साथ बारिश की बौछारें पड़ी हैं। आज शनिवार पूरे दिन नमी बनी रहेगी और ठंडी हवाएं चलती रहेगी, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी।

बिलासपुर में सात डिग्री कम हुआ तापमान
शहर के भीतर और आसपास रात में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के बाद तापमान गिर गया है। बिलासपुर में इस सीजन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री पर पहुंच गया था। लेकिन, मौसम में हुए बदलाव के बाद पारा सात डिग्री गिर गया है। इसके बाद से ठंडी हवाएं चल रही है और हल्की ठंड का अहसास होने लगा है।

यलो अलर्ट – सचेत रहें
मौसम के अनुसार इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि आप अपने इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें। कुछ सावधानियां बरतें। यलो अलर्ट जारी करने का मकसद वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है। इसके मुताबिक आपको तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए आपको जगह और अपने मूवमेंट को लेकर सावधान रहना चाहिए।

ऑरेंज अलर्ट – तैयार रहें
मौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।

रेड अलर्ट – एक्शन का वक्त
हालांकि बेहद गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है, इसलिए यह कम ही होता है। फिर भी, रेड अलर्ट का मतलब होता है कि जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है। अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतज़ाम किए जाते हैं, जैसे गर्मी के मौसम में अगर रेड अलर्ट जारी हो तो आपको घर से बाहर नहीं निकलने और ज़रूरी इंतज़ाम करने की हिदायत होती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में अगर ये अलर्ट जारी हो तो इसका साफ संकेत होता है बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश की चेतावनी है इसलिए ज़रूरी इंतज़ाम करें।

रेड अलर्ट के समय सामान्य जनजीवन के लिए खतरे को भांपते हुए अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल संचालन जैसे नियमित कामकाज बंद किए जा सकते हैं।


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