बिलासपुर। बिलासपुर में एक महिला और उसके जवान बेटे की लाश फांसी के फंदे पर मिलने से सनसनी फैल गयी है। बताया जा रहा है कि मृतिका का पति दिव्यांग हैं, महिला और उसका बेटा रोजी मजदूरी कर घर चलाया करते थे। जिन्होनें एक ही रस्सीं को मौत का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम कलारतराई में रहने वाली कृष्णा बाई मानिकपुरी (40) रोजी-मजदूरी करती थी। वह गांव में झाड़ू लगाती और बर्तन भी साफ करती थी। उसका बेटा अशोक दास (21) भी रोजी-मजदूरी करता था। सुबह होने के बाद भी दोनों देर तक कमरे से बाहर नहीं निकले। इस पर पिता ने दरवाजा खटखटाया। लेकिन, अंदर से कोई आहट सुनाई नहीं दी। कुछ देर बाद उनके पिता ने पड़ोसी बच्चे को बुलाकर रोशनदान से अंदर भेजा, तब मां-बेटे की लाश फंदे पर लटक रही थी।
ग्रामीणों ने सुबह इस घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस गांव पहुंचकर पूछताछ शुरू की, तब पता चला कि मृतक महिला का पति न तो ठीक से बोल पाता है और न ही सुन सकता है। पुलिस ने उससे पूछताछ की, तब उसने इशारों में बताया कि वह बाहर में सो रहा था और मां-बेटे अंदर कमरे में सो रहे थे।
कोटा थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा ने बताया कि प्रारंभिक जांच और पूछताछ में पता चला है कि महिला व उसके बेटे के साथ पति भी रहता था। तीन सदस्यों के परिवार में पिता कोई काम नहीं करता था। बेटा कभी-कभार मजदूरी करने जाता था। वहीं उनकी मां अकेली परिवार चलाती थी। ऐसे में आशंका है कि आर्थिक तंगी के चलते मां-बेटे ने आत्महत्या की होगी।
पुलिस की जांच और पूछताछ में पता चला कि युवक भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। दरअसल, उसने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिया था, जिसकी हर सप्ताह उसे किस्त जमा करना पड़ता था। किस्त की राशि जमा नहीं कर पाने के कारण वह बहुत परेशान रहता था। इसके साथ ही उसकी तबीयत भी खराब रहती थी।
थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा ने बताया कि मृतका महिला के पति ने दूसरी शादी रचाई थी। पहली पत्नी और पांच बच्चे हैं, जो 20 साल से उनसे अलग रहते हैं। महिला का अशोक इकलौता बेटा है। उसकी एक बेटी की शादी हो चुकी है।