नेशनल प्रेस डे: KTU में मीडिया रिपोर्टिंग और उसकी गुणवत्ता पर परिचर्चा का हुआ आयोजन…हाल ही में ‘प्रेस विरासत पंडित युगुल किशोर शुक्ल सम्मान से अलंकृत मास कम्युनिकेशन के HOD डॉ. शाहिद अली बोले- पत्रकारों को हमेशा सत्य के साथ रहना चाहिए

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित पत्रकारिता यूनिवर्सिटी (कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय) के जनसंचार विभाग में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मीडिया में रिपोर्टिंग और उसकी गुणवत्ता पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जनसंचार विभाग विभागाध्यक्ष डॉ शाहिद अली ने कहा कि पत्रकारों को अपने जीवन में हमेशा सत्य के साथ रहना चाहिए, डॉ अली ने आगे कहा कि हर व्यक्ति के अंदर एक पत्रकार होता है लेकिन जो खबर को एक सही मायने में लिखें और उसे प्रकाशित करें वह एक सच्चा पत्रकार होता है। यह भी कहा कि पत्रकार की कलम से जो बात लिखी जाए उसे सत्य माना जाता है।

कार्यक्रम में सानिया जैन, आलोक कुमार, इशिका, कनक झा, सचिन नपित, गजल शर्मा, बृजेश तिवारी सहित शोधार्थी राकेश शर्मा व रितु लता तारक ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास, प्रेस एवं मीडिया का महत्त्व सहित अन्य विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मंच संचालन अभय गुप्ता एवं फिजा खान ने किया। वहीं इस अवसर पर विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राजेंद्र मोहंती, अभिषेक गोस्वामी, भारती गजपाल सहित विद्यार्थी एवं शोधार्थी मौजूद रहे।

डॉ. शाहिद अली प्रेस विरासत पंडित युगुल किशोर शुक्ल सम्मान से हुए अलंकृत

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शाहिद अली को हाल ही में मीडिया में विशिष्ट योगदान के लिये ‘प्रेस विरासत पंडित युगुल किशोर शुक्ल सम्मान’ से लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की जन्मभूमि रत्नागिरी में अलंकृत किया गया। प्रतिष्ठित संस्था इंटिग्रेटेड सोसाइटी ऑफ मीडिया प्रोफेशनल्स (आईएसएमपी) द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में यह सम्मान डॉ अली को प्रदान किया गया।

विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.अली ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि डिजिटल मीडिया के दौर में पत्रकारिता की कार्यशैली में तेजी से बदलाव आया है। अखबारों, टीवी चैनलों में तकनीकी और सूचना के प्रसार में अभूतपूर्व प्रगति है। सोशल मीडिया ने नागरिक पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। लेकिन पत्रकारिता में जनसेवा की भावना का अवमूल्यन हुआ है। पत्रकारिता की व्यावसायिक अभिरूचि ने समाज के जरुरी मुद्दों से अलग थलग कर दिया है।

डॉ. अली ने कहा कि हमें इन चुनौतियों के बीच स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का अध्ययन गंभीरता से करना होगा। समस्यामूलक शोध प्रबंधन के माध्यम से स्वस्थ समाज का सृजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजा राम मोहन राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, पं युगल किशोर शुक्ल , गणेश शंकर विद्यार्थी, माधव राव सप्रे, पं माखनलाल चतुर्वेदी जैसे अनेक महापुरुषों के पत्रों में राष्ट्रीय चेतना के प्रसंगों को पुनः लोक मत के केंद्र में लाने की जरूरत है। अलंकरण समारोह में रत्नागिरी सहित देश के अनेक हिस्सों से आए पत्रकारों ने भाग लिया।

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