दुर्ग। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ₹500 में हक त्याग और आपसी बंटवारे की रजिस्ट्री करवाने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन दो माह बाद भी यह व्यवस्था दुर्ग के रजिस्ट्री कार्यालय में शुरू नहीं हो पाई है। इस पर पूर्व पार्षद ललित मोहन ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वह अपनी संपत्ति, जो शांति नगर सड़क पांच में 1500 वर्ग फीट है, की रजिस्ट्री करवाने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय गए थे। यहां उन्हें ₹500 की बजाय ₹26,500 स्टांप शुल्क और ₹2500 रसीद शुल्क की मांग की गई, जो मुख्यमंत्री की योजना के विपरीत था। ललित मोहन ने कलेक्टर महोदय से निवेदन किया कि इस योजना को लागू किया जाए ताकि आम जनता को मुख्यमंत्री जी की योजना का सही लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना केवल छत्तीसगढ़ में लागू की गई है और इसका फायदा जनता तक पहुंचना चाहिए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जनता तक कब पहुंचता है।



