भिलाई। लोकसभा सदस्यता छिनने के बाद आज राहुल गांधी पूर्व सांसद के तौर पर मीडिया के सामने आए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने अडानी-मोदी रिश्ते का जिक्र करते हुए सरकार को घेरा। यह भी कहा, ‘मुझे इसलिए डिस्क्वालिफाई किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री मेरी स्पीच से डरते हैं। वह मेरे अगले भाषण से डर रह थे, जो अडानी पर होने वाला था। मैंने यह उनकी आंखों में देखा था, वह मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे। वह नहीं चाहते थे कि संसद में मेरा अगला भाषण हो।’ उन्होंने कहा कि मैंने कई बार बोला है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। हमको हर रोज नए उदाहरण मिलते हैं। सवाल मैंने एक ही पूछा था कि अडानी जी की शेल कंपनीज हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने इन्वेस्ट किया। अडानी जी का पैसा नहीं है। उनका इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनस है, पैसा किसी और का है। सवाल है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? इसमें एक चाइनीज शामिल है, कोई सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है? मैंने संसद में प्रूफ देकर अडानी जी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में बोला, जो मीडिया रिपोर्ट से मैंने निकाला था। इसके बाद राहुल ने लंदन में दिए अपने बयान पर हुए विवाद को लेकर भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने झूठ बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी, यह बिल्कुल गलत और झूठ बात है। उन्होंने कहा कि यह पूरा ड्रामा पीएम मोदी जी को बचाने के लिए रचा गया है। उन्होंने कहा कि ये लोग अभी नहीं समझे हैं, मैं जेल जाने से नहीं डरूंगा।
वहीं छत्तीसगढ़ NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू साहू ने कहा कि आज देश में हिटलरशाही कायम करने के लिए केन्द्र की सरकार शासकीय एजेन्सियों का भरपूर दुरूपयोग कर रही है। हमारे नेता राहुल गांधी सच्चाई को सामने लाते हैं, उन्हें डराया और धमकाया जा रहा है। आज समूचा देश सच्चाई जान चुका है। राहुल गांधी के खिलाफ सूरत कोर्ट में दायर केस इस बात का पुख्ता सबूत है। राहुल गांधी सत्य एवं अहिंसा के सिपाही है।
सरकारी तंत्र के दबाव एवं असत्य के सामने झुकने वाले नहीं है। सोनू ने आगे कहा की इन फासिस्ट ताकतों एवं अन्याय के सख्त खिलाफ है और हम इस जंग को मजबूती से लड़ते रहेंगें। आज देश में हिटलरशाही से कांग्रेस कार्यकर्ता के बीच भय कायम रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी मोदी कि सरकार और अमित शाह शासकीय एजेन्सियों का दुरूपयोग कर विपक्ष के शीर्ष नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें डराया जा रहा है। हमारे नेता सदन में कोई बात रखना चाहते हैं तो उन्हें रखने नहीं दिया जाता और फिर भी कोशिश करते हैं तो सदन नहीं चलने दिया जाता। कोई व्यक्ति अगर सही बात भी रखना चाहता है तो उसके खिलाफ ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं द्वारा कार्यवाई की जाती है। यह अन्याय अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है। देश की जनता आने वाले आम चुनावों में इनको सबक सिखाने वाली है। क्योंकि सच्चाई को कभी झुकाया नहीं जा सकता।