एक फर्जीवाड़ा ऐसा भी…! फर्जी मार्कशीट के बल पर आरोपी ने BSP में 30 साल कर ली नौकरी… अब जा कर मामले का हुआ खुलासा, सगे भाई ने ही खोली पोल… दुर्ग पुलिस ने आरोपी को किया अरेस्ट; जानिए पूरा मामला

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में 10वीं की फर्जी मार्कशीट के बल पर एक व्यक्ति को 30 साल भिलाई स्टील प्लांट (BSP) में नौकरी करने के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरहसल ये पूरा मामला भट्टी थाना क्षेत्र का है। मिली जानकारी के अनुसार उतई निवासी 59 वर्षीय आरोपी किशन लाल ने सन 1990 में हाईस्कूल सर्टिफिकेट 10वीं की अंकसूची के प्राप्तांको में छेड़छाड़ किया था। आरोपी किशन लाल सन 1994 से अभी तक यानि 2024 करीब 30 साल से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर BSP में नौकरी कर रहा था। दुर्ग पुलिस ने आरोपी किशन लाल द्वारा नियुक्ति के समय भिलाई स्टील प्लांट में प्रस्तुत मार्कशीट को सयंत्र प्रबंधन से लेकर अपने कब्जे में ले लिया है। आपको बता दें, आरोपी की पोल उसके सगे भाई ने ही खोली है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 420, 468, 468, 471 और 201 के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में क्या?

अति. पुलिस अधीक्षक भिलाई शहर सुखनंदन राठौर तथा नगर पुलिस अधीक्षक महोदय सत्यप्रकाष तिवारी के मार्गदर्शन में थाना भिलाई भट्ठी क्षेत्रांतर्गत में कूटरचित दस्तावेज धोखाधड़ी संबधी अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु आवष्यक दिशा निर्देष प्राप्त है। आवेदक मंथीर राम टंडन पिता स्व. लैनू राम निवासी कन्हैया विहार काॅलोनी, गुण्डरदेही जिला बालोद का पूर्व में पुलिस अधीक्षक दुर्ग कार्यालय में अनावेदक किषन लाल के विरूद्ध फर्जी अंकसूची एवं झूठे दस्तावेज के आधार पर भिलाई इस्पात सयंत्र में पदभार ग्रहण करने विषय शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। शिकायत आवेदन जाँच के बाद पाया गया कि अनावेदक किशन लाल आवेदक का सगा छोटा भाई है, उसके पिता लैनू राम टंडन भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन विभाग में सीनियर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे। जिनके मेडिकल अनफिट होने पर उनके स्थान पर छोटे भाई किशन लाल को भिलाई इस्पात संयंत्र में नियमित कर्मचारी के रूप में एम.एम. सिविल मेंटनेस विभाग सेक्टर 9 अटेंण्डेंट सिविल के पद पर नियुक्ति दी गई थी। किशन लाल वर्ष 1990 में कक्षा 10 वी हाई स्कूल सर्टीफिकेट परीक्षा
का नियमित एवं स्वाध्यायी छात्र के रूप में कही भी परीक्षा उत्तीर्ण नही किया है किशन लाल फर्जी अंकसूची के आधार पर बी. एस.पी. में नौकरी कर रहा है।

आवेदन पत्र की जांच के क्रम में सहायक महाप्रबंधक कार्मिक नगर सेवा विभाग भिलाई इस्पात सयंत्र को कार्मिक किशन लाल सुपरवाईजर विभाग टी.ई.डी. सिविल के द्वारा अपनी अनुकंपा नियुक्ति हेतु भिलाई इस्पात सयंत्र में जमा किए गए साक्ष्यांकन प्रपत्र की सत्यापित प्रति, सम्पूर्ण शैक्षणिक प्रमाण पत्र जो संयंत्र कि सेवा अभिलेख में उपलब्ध हो की प्रति, किशन लाल के विरूद्ध की गई विभागीय जांच की प्रति एवं अनुकंपा नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक आर्ह्तां संबंधी दस्तावेज प्रदाय करने प्रतिवेदन प्रेषित कर अनावेदक किशन लाल पिता लैनू टंडन के साक्ष्यांकन प्रपत्र की सत्यापित प्रति एवं किशन लाल के कक्षा 10वीं हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा की सत्यापित प्रति, साथ ही किशन लाल के विरूद्ध की गई विभागीय जांच के समस्त दस्तावेज एवं दण्डादेश की सत्यापित प्रति सयंत्र प्रबंधन से प्राप्त किया गया।

किशन लाल ने वर्ष 1993 में एन.एम.आर. की श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति के समय जो दस्तावेज अपनी शैक्षणिक योग्यता के संबंध में जमा किये थे वह फर्जी पाया गया किशन लाल द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र में रोजगार के समय शैक्षणिक योग्यता के संबंध में भिलाई इस्पात संयंत्र को गलत जानकारी दी थी। विभागीय जांच के दौरान अनावेदक आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि उनकी हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा की अंकसूची झूठी है। किशन लाल कार्मिक भिलाई इस्पात सयंत्र में टी.ई.डी. सिविल विभाग सुपरवाईजर के द्वारा छल एवं बेईमानी पूर्वक वर्ष 1990 कक्षा 10वीं हाईस्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा की फर्जी अंकसूची कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करते हुए भिलाई इस्पात सयंत्र में फर्जी अंकसूची का उपयोग कर नौकरी प्राप्त किया गया एवं कूटरचित अंकसूची को नष्ट कर दिया गया जो आरोपी का कृत्य धारा 420,468,468,471,201 भादवि का घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक विपिन रंगारी, आरक्षक हिरेष साहू, विष्वजीत सिंह, जी.जगमोहन, कौषल सिन्हा की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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