बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में लापरवाह ड्राइविंग के वजह से बेजुबानों की मौत और पशु क्रूरता के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में बिलासपुर के सरकंडा के रघु विहार कॉलोनी में एक चालक ने बछड़े को कार से कुचलकर मार डाला, जिसकी घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिससे स्थानीय समुदाय में आक्रोश और बढ़ गया है। इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी चालक, जिनका वाहन नंबर CG 10 BK 1214 है, बछड़े पर कार चढ़ाते हुए दिखाई दे रहा है। यह घटना बछड़े की मौके पर ही मौत के कारण बन गई। गौ सेवकों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, और उन्होंने इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी है।

लगातार हो रही क्रूरता और ऐसी घटनाएं
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में कई गंभीर घटनाएं हुई हैं, जैसे कि दुर्ग में नौ गायों की सड़क दुर्घटना में मौत हो या रायपुर में ट्रक ड्राइवर द्वारा 20 मवेशियों को कुचलने का मामला हो। इन घटनाओं ने समाज में पशु क्रूरता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। पुलिस ने इन मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की है, और उन्होंने कहा है कि वे दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। स्थानीय निवासियों ने इस घटनाक्रम पर गहरा दुख व्यक्त किया है और न्याय की मांग की है। अधिकारियों को अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में फिर से ऐसी अमानवीय घटनाएं न हों।
सरकंडा में ही ऐसा मामला आया था सामने
कुछ दिन पहले बिलासपुर के सरकंडा के ही की एकता कॉलोनी में बछड़े के साथ कथित क्रूरता की एक घटना सामने आई थी, जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की थी। एक वायरल वीडियो में महिला को लापरवाही से वाहन चलाते हुए और बछड़े को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाया गया है। इस घटना के संबंध में सरकंडा पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई। एफआईआर के अनुसार, यह घटना 16 सितंबर 2024 की सुबह एकता कॉलोनी, अर्पा नगर सरकंडा स्थित शीतल हार्ट अस्पताल के पास हुई। शिकायतकर्ता, स्थानीय निवासी ज्वाला सिंह, ने शिकायत में बताया कि महिला ने लापरवाही से वाहन चलाया, जिससे बछड़े को नुकसान हुआ।
एफआईआर में आगे बताया गया कि यह शिकायत आधिकारिक रूप से 18 सितंबर 2024 को शाम 2:50 बजे दर्ज की गई। शिकायत के अनुसार, रजनी दास ने वाहन चलाने में लापरवाही दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप बछड़े को चोट पहुंची। इस घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, जिसमें कई लोगों का मानना है कि जानवरों के साथ ऐसी क्रूरता को दंडित किया जाना चाहिए। सरकंडा के निवासियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है, और रजनी दास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “इस घटना ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। अधिकारियों को न्याय सुनिश्चित करने और ऐसी क्रूरता को फिर से होने से रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए।”
समाज के लिए चिंता का विषय
छत्तीसगढ़ में पशु क्रूरता के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। पिछले कुछ महीनों में बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग में लगातार बछड़ों और अन्य मवेशियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौतें हुई हैं। हाल ही में रायपुर में सड़क पर बैठे एक बछड़े को कुचलने की घटना सामने आई थी, जबकि दुर्ग में एक बदमाश ने गर्भवती गाय के पेट में धारदार चाकू घोपा था। इसके अलावा, रायपुर में एक व्यक्ति ने बैल पर ब्लेड से हमला किया था। ऐसे घटनाक्रम इस बात का भी संकेत देते हैं कि ये सभी अपराध कही साजिश के तौर पर तो नहीं किए जा रहे हैं?
सड़क दुर्घटनाओं में पिछले कुछ महीनों में करीब 50 मवेशियों की मौत
पिछले कुछ महीनों में लगभग पचास मवेशियों की सड़क दुर्घटनाओं में जान चली गई है, जो स्थानीय समुदाय के लिए एक चिंता की स्थिति है। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन को इन मामलों में संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। समाज में इस तरह की क्रूरता को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में फिर से ऐसी अमानवीय घटनाएं न हों। यह समय है कि हम सभी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और एक सख्त संदेश समाज में भेजें।
उच्च न्यायालय ने सड़कों से मवेशियों को हटाने के दिए आदेश
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सड़कों पर घूमते मवेशियों के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे सड़कों से मवेशियों को तत्काल हटाएं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हो सके। यह आदेश तब आया जब अदालत ने देखा कि मवेशियों की वजह से सड़क पर दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे उनकी जेवण के साथ-साथ मानव जीवन को भी खतरा हो रहा है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करें और उनके देखभाल की भी सुनिश्चितता करें। अदालत ने यह भी कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, मवेशियों के मालिकों को भी चेतावनी दी गई है कि वे अपने मवेशियों को सड़कों पर छोड़ने से बचें।