डेस्क। रोमन कैथोलिक के सर्वोच्च धार्मिक पद पर आसीन पोप फ्रांसिस का 88 साल की आयु में निधन हो गया है. वेटिकन ने एक वीडियो मैसेज जारी कर दुखद सूचना दी. पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सुनकर दुनियाभर में फैले करोड़ों लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है. वह 1300 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पोप का सप्रीम पद हासिल किया था. शताब्दियों के बाद यूरोप के बाहर के किसी व्यक्ति को पोप बनने का सौभाग्य हासिल हुआ था. वह लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटिना के रहने वाले थे, लेकिन पोप बनने के बाद वह कभी अपने देश वापस नहीं गए थे. पोप की तबीयत पिछले दिनों काफी खराब रही थी. उन्हें निमोनिया का डबल अटैक आया था. निमोनिया के चलते पोप फ्रांसिस कई दिनों तक ICU में एडमिट रहे थे. मान जा रहा है कि उम्र के इस पड़ाव पर लगातार दो बार निमोनिया का शिकार होने से वह कमजोर हो गए थे.

पोप फ्रांसिस को लगातार दो बार निमोनिया हो गया था. इससे उनकी हालत काफी खराब हो गई थी. बीमारी की वजह से वह कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. गंभीर निमोनिया की वजह से पोप फ्रांसिस को ICU में एडमिट रहना पड़ा था. उस वक्त वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रुनी ने मेडिक टेस्ट का हवाला देते हुए बताया था कि 88 साल के पोप ‘पॉलीमाइक्रोबियल रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन’ से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनको दी जा रही दवाओं में और बदलाव करना जरूरी हो गया है. हालांकि, डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी करती रही थी और पोप निमोनिया से उबर भी गए थे.
14 फरवरी 2025 को अस्पताल में हुए थे भर्ती
बता दें कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पोप फ्रांसिस का निधन ईस्टर के एक दिन बाद हुआ है. उनकी जब तबीयत खराब थी तो वे सेंट पीटर स्क्वायर में अपनी नियमित साप्ताहिक प्रार्थना नहीं कर पाए और न ही कैथोलिक चर्च के जुबली ईयर को चिह्नित करने के लिए कलाकारों के लिए स्पेशल मास की अगुवाई कर सके थे. इससे उनकी सांस नली में हुए संक्रमण की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
38 दिनों तक अस्पताल में रहे थे
पोप फ्रांसिस गंभीर निमोनिया से पीड़ित होने की वजह से 38 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. 14 फरवरी एडमिट हुए पोप को 23 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली थी. रविवार को ईस्टर के दिन पोप फ्रांसिस ने दोपहर के कुछ समय बाद खुली हवा में सेंट पीटर स्क्वायर में प्रवेश किया था और वहां मौजूद भीड़ का अभिवादन किया था. उन्होंने क्रिसमस के बाद पहली बार विशेष आशीर्वाद भी दिया था. पोप फ्रांसिस का मूल नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था. उनको 13 मार्च 2013 को पोप चुना गया था.
PM मोदी ने जताया शोक
2021 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप दौरे पर थे, तब उन्होंने वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की. पोप फ्रांसिस से मोदी की यह पहली मुलाकात थी. पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता भी दिया था. इसके बाद मोदी ने दूसरी बार G-7 समिट में 2024 में मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया संदेश में लिखा है कि पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की, जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई. मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूँ और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा. उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले.