कानपुर: लोक निर्माण विभाग में बैठकर जाम छलकाने वाले कर्मचारियों का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि जिले के अफसरों ने नाराजगी जाहिर की। आनन-फानन में तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराई गई। 24 घंटे के अंदर समिति ने जांच रिपोर्ट सौंप दी। जांच में वायरल वीडियो सच साबित हुआ। एक्शन लेते हुए शराब पीने वाले कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर अन्य प्रखंडों में संबद्ध कर दिया गया है।

दरअसल सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुए एक वीडियो ने जिले में हडकंप मचा दिया। सरकारी दफ्तर में जिस तरह से बैठकर वहां के जिम्मेदार कर्मचारी शराब पी रहे हैं, इससे उनकी कार्यशैली और दफ्तर की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे।

इस विभाग पर सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल न रखने की उंगली हमेशा उठती रहती है। इस बार मामला कुछ हटकर था, लेकिन ऐसा था जिस पर जिले की डीएम को तत्काल दखल देना पड़ा। दफ्तर के अंदर बैठकर कर्मचारी शराब की बोतल खोल रहे हैं। इसके बाद पैग बनाए जा रहे हैं। मेज पर दो बोतलें रखी दिख रही हैं।

लोक निर्माण विभाग के दफ्तर के अंदर शराब पीने का वीडियो जैसे ही लोगों के हाथ लगा उसे लोगों ने सीएम, विभागीय मंत्री, विभाग के बड़े अफसरों और जिले के डीएम को भी टैग करके ट्वीट कर दिया। इसके बाद मामले में अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड नवीन शर्मा ने तीन जेई की समिति गठित कर जांच कराई। जांच में वीडियो करीब पांच साल पुराना बताया जा रहा है। तब ये कर्मचारी प्रांतीय खंड में ही तैनात थे हालाकि अब तीनों जिले में ही निर्माण खंड में तैनात हैं।

जांच समिति की रिपोर्ट के बाद निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता एसके रावत और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता नवीन शर्मा ने निर्माण खंड प्रथम में तैनात प्रधान सहायक कमल अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी राम खिलावन, वरिष्ठ सहायक अवनीश कुमार को निलंबित किए जाने की संस्तुति कर रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता को भेजी। अधिशासी अभियंता नवीन शर्मा ने बताया कि मंगलवार देर शाम अधीक्षण अभियंता ने तीनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। अब इन्हें आरोप पत्र दिया जाएगा इसके बाद अनुसाशनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

