- 7 लाख 75 हजार की सैलरी तक “जीरो” टैक्स
- न्यू टैक्स रिजीम में IT एक्ट के सेक्शन 87A के तहत मिलेगी छूट
- ओल्ड टैक्स रिजीम में सिर्फ 5.50 लाख रुपए तक की सैलरी में “जीरो” टैक्स
- 17,500 रुपए तक का मिल रहा फायदा
- खबर में सैलरी के अनुसार समझिये न्यू टैक्स रिजीम

नेशनल डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया। बजट के अनुसार टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इनकम टैक्स को लेकर थोड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। हालांकि पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। स्टैण्डर्ड डिडक्शन को भी 50 हजार से बढ़ा कर 75 हजार कर दिया गया है। न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक सालाना इनकम पर टैक्स छूट पहले से ही है। वहीं अब 7 लाख 75 हजार रूपए तक के सैलरी वाले अपना टैक्स जीरो करा सकते है। पर कैसे? खबर में आगे जानिए…
न्यू टैक्स रिजीम
0-3 लाख पर 0 प्रतिशत टैक्स
3-लाख से ज्यादा और 7 लाख पर 5% टैक्स
7 लाख से ज्यादा और 10 लाख पर 10% टैक्स
10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15% टैक्स
12 लाख से ज्यादा और 15 लाख पर 20% टैक्स
15 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स
7 लाख 75 हजार की सैलरी तक “जीरो” टैक्स!
अगर टैक्स पैर न्यू टैक्स रिजीम चुनता है और उसकी सालाना कमाई 7 लाख 75 हजार रुपये होती है और वह न्यू टैक्स रिजीम चुनता है तो अब उसे एक भी रुपये का टैक्स नहीं देना होगा, क्योंकि स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रुपये सालाना कर दिया गया है। पहले यह डिडक्शन 50 हजार रुपये सालाना थी। यानी कि पहले 7.50 लाख सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। अब यह छूट 25000 रुपये बढ़कर 7.75 लाख रुपये सालाना हो चुका है। अगर किसी व्यक्ति की सैलरी या सालाना कमाई 7.75 लाख से एक भी रुपये ज्यादा है और वह न्यू टैक्स रिजीम चुनता है तो उसे संशोधित टैक्स स्लैब के अनुसार 10% टैक्स देना होगा।
न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत मिलेगी छूट
न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार 7 लाख तक की कमाई पर (10%) 20 हजार टैक्स बनता है। न्यू टैक्स रिजीम में सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत ये 20 हजार रुपए माफ कर देती है। वहीं सैलरीड पर्सन को 75 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा भी मिलता है। यानी उनकी 7.75 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी।
ओल्ड टैक्स रिजीम में सिर्फ 5.50 लाख रुपए तक की सैलरी में “जीरो टैक्स”
ओल्ड टैक्स रिजीम के अनुसार, 5 लाख रुपए तक की कमाई पर 12,500 रुपए टैक्स बनता है। ओल्ड टैक्स रिजीम में सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत ये 12,500 रुपए माफ कर देती है। परन्तु, ओल्ड टैक्स रिजीम में अगर आपकी आय 5 लाख से 1 रुपए भी ज्यादा होती है तो आपको 87A का फायदा नहीं मिलेगा। आपको ₹2.5 लाख से ज्यादा की इनकम पर टैक्स चुकाना होगा। हालांकि सैलरीड लोगों की 5.50 लाख रुपए तक की रकम टैक्स फ्री होती है। उन्हें 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है।
सैलरी के अनुसार समझिये न्यू टैक्स रिजीम
न्यू टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब के अनुसार, अगर किसी की इनकम 7 लाख से ज्यादा और 10 लाख है तो उसे 10% टैक्स देना होगा। वहीं 10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15% टैक्स का भुगतान करना होगा। 10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15% टैक्स का भुगतान करना होगा। वहीं अगर कोई टैक्सपेयर सालाना 12 लाख से ज्यादा कमाई करता है और न्यू टैक्स रिजीम को चुनता है तो उसे 20% टैक्स का भुगतान करना होगा। वहीं अगर किसी की कमाई 15 लाख से ज्यादा है तो 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा।
17,500 रुपए तक का फायदा
इनकम टैक्स स्लैब और स्टैडर्ड डिडक्शन में बदलाव के बाद टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। पहले सैलरी से होने वाली 15.75 लाख की इनकम पर 1 लाख 57 हजार 500 रुपए टैक्स बनता था। अब इन बदलाव के बाद 1 लाख 40 हजार रुपए टैक्स बनेगा। पुराने टैक्स ऑप्शन में 87A का डिडक्शन मिलाकर सालाना 5 लाख रुपए तक की कमाई पर इनकम टैक्स नहीं देना होता। अगर आपकी सालाना इनकम 5 लाख से 10 लाख के बीच है तो आपको 20% तक टैक्स लगेगा। यानी आपको 1,12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा।