रिसाली। रिसाली निगम के पार्षद वार्ड 13 भाजपा पार्षद विधि यादव ने निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। पॉइंट्स में पढ़िए विधि यादव ने क्या-क्या आरोप लगाए?
- क्यों रिसाली नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के धज्जियां उड़ा रही है शायद उन्हें डर है की विधानसभा चुनाव से पहेले सरकार की पोल ना खुल जाएं
- निगम अधिनियम 1956 के धारा 27 में साफ तौर पर उल्लेख है कि 2 माह के भीतर कम से कम 1 बार सामान्य सभा कराना है किंतु पिछेले 6 माह से सामान्य सभा का एजेंडा तक तय नहीं हो पाया है
- अगर महापौर सामान्य सभा कराने के पक्ष में नहीं है तो सभापति भी आदेश दे सकते है किंतु पता नहीं इनके ऊपर किसका और कौन सा दबाव है की निगम अधिनियम को भी दरकिनारा कर दिए है
- विधवा महिला एवं नए हितग्राही पेंशन के लिए भटक रहे है किन्तु निगम प्रशाशन नींद में है वे समाज कल्याण विभाग से तालमेल नहीं बैठा पा रही है। कम से इन जरूरतमंद की आवाज उठाने के लिए सामान्य सभा तो कराए
- सरकार बने 2 साल होने को है अभी तक किसी भी पार्षद को अधिनियम की जानकारी देने हेतु प्रशिक्षण नहीं दिया गया है शायद पार्षद के आवाज को दबाने का प्रयास है किंतु जनता का आवाज को कैसे दबा पाएँगे, भाजपा पार्षदों के पार्षद निधि को रोका जाना दुर्भाग्य की बात है।
- निगम सरकार को शायद डर है यदि सामान्य सभा होती है तो 40 वार्डो में हुए गुणवत्ताहीन निर्माण के घोटाले उजागर हो जाएंगे
इसके साथ ही विधि यादव ने आगे कहा कि, दर्जनों जनहित मुद्दे पेंडिंग में है। सामान्य सभा नहीं होने से मुद्दा उठ भी नहीं पा रहा। कई हितग्राही, विधवा महिला व अन्य गरीब जनता है जो शासन के लाभ को नहीं उठा पा रही है । किसी का सर्वे सूचि में नाम नहीं है तो कई जनता को आधारकार्ड , राशनकार्ड का के लिए भटकाया जा रहा है। गौठान में रोजाना गाय मर रही है। उनके के लिए भोजन की भी व्यवस्था नहीं है। किन्तु निगम सरकार नींद में है यदि गायो की मृत्यु पर हम सवाल करे तो कांग्रेस के पार्षदों के आवेदन दे कर थाना हमारे खिलाफ FIR कराने भेजते है । अगर जनता के मुद्दे पर आवाज उठाने पर जेल जाना पड़े तो वो स्वीकार्य है क्योकि वो मुझे नहीं अपितु जनता को जेल भेजना चाहते है जिस जनता ना उन्हें सरकार बनाने में उनका सहयोग किया है।