जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के बाराद्वार में श्मशान घाट में अंतिम संस्कार को लेकर दो समाज के लोग आमने सामने हो गये। दूसरे समाज के व्यक्ति का अंतिम संस्कार पर समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए जलती चिता को बुझाकर शव को बाहर निकाल दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार और उनके समाज के लोग लाश को लेकर सड़क पर बैठ गये और बाराद्वार-जैजैपुर मार्ग पर जाम लगा दिया है। उधर घटना की जानकारी के बाद क्षेत्र में पुलिस फोर्स तैनात कर इस घटना में लिप्त सरपंच पति सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।
जानकारी के मुताबिक, बाराद्वार बस्ती निवासी प्रदीप पाटले (24) पुत्र भैयालाल पाटले ने बुधवार काे फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पोस्टमार्टम के बाद परिजन उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे, लेकिन बारिश के कारण वहां दिक्कत आ रही थी। इस पर गांव में ही तालाब के पास स्थित दूसरे समाज के एक अन्य श्मशान घाट ले गए। वहां पर शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई और चिता को आग दे दी गई।
आरोप है कि उसी समय दूसरे समाज के लोग वहां एकत्र हो गए और हंगामा कर दिया। उन्होंने गालियां देते हुए जलती चिता से शव को बाहर खींच लिया। आरोप है कि दूसरे समाज के लोगों ने चिता में पानी डाल दिया और शव को लात से मारकर अपमानित किया। इस पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। हंगामे के चलते देर रात से बाराद्वार-जैजैपुर मुख्य मार्ग बंद है।
वहीं हंगामे और सड़क जाम की सूचना मिलने पर SDM, तहसीलदार सहित आधा दर्जन थानों की फोर्स बुला ली गई है। लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। फिलहाल इस मामले में मृतक युवक प्रदीप के पिता की शिकायत पर पुलिस ने सरपंच पति जगदीश उरांव सहित 8 लोगों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया हैं। वहीं सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म कर शव का अंतिम संस्कार किया गया।