भिलाई। भगवान परशुराम के प्राकट्य दिवस पर सर्व ब्राह्मण समाज के द्वारा खुर्सीपार आई. टी .आई. के पीछे केनाल रोड परसों पूजन उपरांत विशाल परसों स्थापना की गई साथ ही कैनाल रोड का नामकरण भगवान परशुराम मार्ग किया गया। कार्यक्रम शाम 4:30 शुरू हुआ जिसमें बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग एकत्रित हुए कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वीरेंद्र पांडे पूर्व अध्यक्ष वित्त आयोग छत्तीसगढ़ शासन एवं अध्यक्ष समग्र प्रांतीय ब्राह्मण समाज उपस्थित हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की परशुराम केवल ब्राहमण समाज ही नहीं बल्कि संपूर्ण सनातन समाज के पूजनीय हैं ब्राह्मण समाज के द्वारा ही लोगों की शिक्षा दीक्षा का कार्य प्रारंभ से ही किया जाता है।
दुर्ग जिला सरजू पारी ब्राह्मण समाज प्रभूनाथ मिश्र ने अध्यक्षता की, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि जब इस कैनाल रोड का निर्माण हुआ था तभी से मन में इच्छा थी कि इस मार्ग का नाम भगवान परशुराम के मार्ग पर हो क्योंकि इस मार्ग का निर्माण एक ब्राह्मण ने अपने दृढ़ निश्चय से अनेकों अनेक कठिनाइयां आने के बाद भी अपना राजनीतिक नफा और नुकसान बिना सोचे कराया।
इसलिए इस मार्ग का नाम भगवान परशुराम मार्ग होना चाहिए लंबे समय से ऐसी इच्छा होने के बाद अब जाकर यह सपना पूरा हो सका भगवान परशुराम चौक से ब्राहमण समाज ही नहीं संपूर्ण सनातन समाज के लोगों को ऊर्जा मिलेगी कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में पीयूष मिश्रा ने समाज सभी लोगों के कार्यक्रम में उपस्थित होने उनका धन्यवाद दिया साथ ही समाज के सभी वरिष्ठ ओं ने निर्णय लिया कि प्रतिवर्ष इस परशुराम चौक से विशाल शोभायात्रा न्यू खुर्सीपार परशुराम धाम के लिए निकाली जाएगी।
विशिष्ट अतिथि सरजू पारी ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ सदस्य राम मिलन दुबे , कान्यकुब्ज अमर समाज के वरिष्ठ सदस्य एल एम पांडेय, रामउपकार तिवारी विजय तिवारी, शिवसागर मिश्रा, विष्णु पाठक, वरिष्ठ पत्रकार अशोक पंडा प्रवीण पांडे, रामायण मिश्रा राम रतन मिश्रा स्वदेश कुमार शुक्ला, सुदेश मिश्रा, राजमणि दुबे, मंगलेश तिवारी, महेश तिवारी ज्योति शर्मा प्रमिला दुबे उर्मिला उपाध्याय, नगर निगम पार्षद पीयूष मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, सुभम झा, आलोक तिवारी, आनंद ओझा, विष्णु मिश्रा, सी के तिवारी, निकलेश शुक्ला, बृजेश शर्मा, अनुराग दृवेदी, अजय उपाध्याय, योगेंद्र पांडेय, गार्गी मिश्रा, राहुल तिवारी, जीत शर्मा, संस्कार शुक्ला, आदि बड़ी संख्या में विप्र समाज के लोग उपस्थित थे।