रायपुर। डिजिटल मीडिया के दौर में आज तीन चीज़ों का इम्पोर्टेंस बहुत ज्यादा है। फेक न्यूज़, डेटा वेरीफिकेशन और फैक्ट चेकिंग जी हाँ, ये तीनों टर्म के बारे में जानना बहुत जरुरी है, क्युकी डिजिटल मीडिया के दौर में बहुत से फेक न्यूज़ आसानी से फैल जाते है। जिस वहज से उस न्यूज़ का फैक्ट चेक करना बहुत जरूरी हो जाता है। उसके लिए आपको न्यूज़ का डाटा वेरीफाई करना पढ़ेगा तब जाकर आप जान पाएंगे की ये खबर सही है की फेक है। इसी कड़ी में गुरुवार को रायपुर के KTU में विशेष सेमिनार का आयोजन हुआ।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में आज वरिष्ठ पत्रकार, काउंसलर और ट्रेनर श्वेता खन्ना ने पत्रकारिता और जनसंचार के छात्रों को डेटा वेरीफिकेशन और विजुअल वेरिफिकेशन के महत्वपूर्ण बातों को गहराई से समझाया। श्वेता खन्ना का विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ शाहिद अली ने सर्वप्रथम स्वागत किया।

जनसंचार विभाग के HOD डॉ. शाहिद अली ने जानकारी दी कि, इस अवसर पर श्वेता खन्ना ने कहा कि हम सब आज खबर के बिजनेस में है, डेटा से इंफॉर्मेशन और फिर नॉलेज निकाल कर एक पत्रकार पूरी कहानी का खाका तैयार करता है, उन्होंने डेटा के स्रोत, डेटा कनेक्शन एवं विजुलाइजेशन के साथ ही फेक न्यूज़, इंफॉर्मेशन, फैक्ट चेकिंग और विभिन्न प्लेटफार्म और वेबसाइट के बारे में छात्रों को अवगत करवाया।

पिछले 23 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय श्वेता खन्ना ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि फेक न्यूज़ फैलाने का सबसे बड़ा हथियार फेंक विजुअल कॉन्टेंट है, उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न वेबसाइट, प्लेटफार्म और डेटा वेरीफिकेशन, एनालिसिस, क्रिटिकल थिंकिंग इत्यादि की जानकारी दी।

सेमिनार में जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने कहा कि फेक न्यूज़ हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है, इसलिए आज मीडिया साक्षरता की चर्चा हो रही है।सही-गलत मैं फर्क करना कठिन हो गया है। डॉ.अली ने कहा कि प्रिंट हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया यहां न्यूज़ वेरीफिकेशन और फैक्ट चेकिंग में बहुत बड़ा करियर ऑप्शन है।

डॉ. अली ने इस विशेष टेक्निकल सेमिनार के लिए खन्ना का विशेष आभार जताया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के सभी शिक्षक और छात्रों सहित अनेक पीएचडी शोधार्थी मौजूद रहे।



