सेक्स रैकेट का भंडाफोड़: रिटायर्ड शिक्षक के घर चल रहा था सेक्स रैकेट… पति-पत्नी ऑनलाइन चला रहे थे रैकेट… मोबाइल फोन पर भेजता था लड़कियों की तस्वीरें, फिर होती थी डील

पटना। पटना के दीघा इलाके से पुलिस ने सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के मुताबिक रिटायर्ड शिक्षक मुक्तेश्वर मिश्रा इस गोरखधंधे का मास्टर माइंड है। पुलिस ने मौके से प. बंगाल की दो लड़कियों को छुडाया। दीघा थाने की पुलिस ने राजीवनगर रोड नंबर 23 अमरूदी बगीचा स्थित रिटायर्ड शिक्षक मुक्तेश्वर मिश्रा के मकान में छापेमारी कर इस धंधे का भंडाफोड़ कर दिया। सेक्स रैकेट सरगना ने मुक्तेश्वर के मकान के निचले तल्ले को किराये पर लिया था।

पुलिस ने मौके से पश्चिम बंगाल की रहने वाली दो लड़कियों को छुड़ाया है। वहीं मूल रूप से अरवल जिले के किंजर के रहने वाले विश्वजीत कुमार (23) को मौके से गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह का सरगना मुजफ्फरपुर जिले के नयाटोला मोतीझील का निवासी मधुकर सहाय और उसकी तथाकथित पत्नी रूपा है। दीघा थानेदार राजकुमार पांडेय ने बताया कि कमरे से पुलिस ने आपत्तिजनक सामान बरामद किये हैं।

खुद को बता रखा था निजी कंपनी का कर्मी
दीघा थानेदार के मुताबिक तीन महीने पहले मधुकर ने खुद को एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का कर्मी बताकर मकान के निचले तल्ले को किराये पर लिया था। इसके बाद उसकी गतिवविधि संदिग्ध प्रतीत होने लगी। मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली रूपा को उसने अपना पत्नी बताया था। जान-बूझकर सेक्स रैकेट सरगना ने अच्छी जगह पर किराये का कमरा लिया ताकि को शक न हो।

तीन दिनों पहले ही लायी गयी थी दोनों युवतियां
पश्चिम बंगाल की युवतियों को तीन दिनों पहले ही पटना लाया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि रूपा उन्हें लेकर आयी थी। उसने 10 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी देने की बात कही थी। उसके झांसे में आकर दोनों युवतियां पश्चिम बंगाल से पटना चली आयीं, जहां उनसे गलत काम करवाने की कोशिश की गयी। लेकिन दोनों ने जिस्मफरोशी के दलदल में जाने से इंकार कर दिया।

हर हफ्ते बदल दी जाती थीं लड़कियां
सेक्स रैकेट सरगना मधुकर हर हफ्ते लड़कियों को बदल दिया करता था। उसके कनेक्शन हाईप्रोफाइल लोगों से भी है। पकड़े गये विश्वजीत ने मधुकर के बारे में कई जानकारियां पुलिस को दी हैं।

वाट्सएप पर भेजता था तस्वीर
सूत्रों के मुताबिक पकड़े गये विश्वजीत ने पुलिस को यह जानकारी दी है कि ग्राहकों को सबसे पहले वाट्स एप पर लड़कियों की तस्वीर भेजी जाती थी। ग्रीन सिग्नल मिलने पर सरगना उन्हें अड्डे तक बुलाता था। इतना ही नहीं सुरक्षा की भी फूलप्रूफ गारंटी दी जाती थी।

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