नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। कोयला लेवी मामले में ईडी ने दिसंबर 2022 में किया था गिरफ्तार। आपको बता दें, फिलहाल सौम्या रायपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं। सौम्या चौरसिया के वकील सिद्धार्थ दवे ने यह जानकारी दी है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि. ज़मानत मिलने के बावजूद सौम्या चौरसिया रिहा नहीं हो पाएंगी। सौम्या चौरसिया को ईडी के मामले में अंतरिम ज़मानत मिली है, लेकिन कोयला स्कैम में ही ईओडब्लू/एसीबी के मामले में उन्हें ज़मानत नहीं मिली है। सौम्या के विरुध्द आय से अधिक संपत्ति का भी मामला विचाराधीन है।

सुप्रीम कोर्ट में सौम्या चौरसिया की याचिका पर सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत,जस्टिस भुइयाँ और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने की है। सौम्या चौरसिया की याचिका में ज़मानत के लिए आप पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के मामले में दिए गए ज़मानत आदेश को आधार बनाया गया था। सौम्या चौरसिया की ओर से दायर याचिका में याचना की गई है कि,वह एक साल आठ महीने से जेल में है,और प्रकरण का ट्रायल ही शुरु नहीं हुआ है और ना जल्द शुरु होने की संभावना है। जेल में रहते हुए ईडी ने बीते एक साल में कभी इस प्रकरण में पूछताछ भी नहीं की जिसका अर्थ है कि, ईडी को अब सौम्या से इस प्रकरण में पूछताछ की जरुरत भी नहीं है।
ईडी की ओर से इस याचिका का विरोध किया गया और कहा गया कि, सौम्या चौरसिया की भुमिका इस मामले में मिले अन्य ज़मानत प्राप्त कर चुके आरोपियों से अलग और बेहद महत्वपूर्ण है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा- “आप विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ दीजिए कि, कैसे सौम्या चौरसिया का मसला अन्य आरोपियों से अलग है।फिलहाल हम उन्हें अंतरिम ज़मानत देते हैं।”