रूंगटा R-1 के स्टूडेंट्स का इनोवेशन: 2 रुपए के खर्च में 250 किलो वजन उठाकर 25 किमी. दौड़ेगी भिलाई में बनी सबसे सस्ती ई-साइकिल

भिलाई . महज दो रुपए के खर्च में अब 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से साइकिलिंग का मजा ले पाएंगे। भिलाई के संतोष रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने अब तक की सबसे कम लागत की हाईब्रीड इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की है। यह साइकिल 250 किलो वजन उठाकर 25 किलो मीटर तक सरपट दौड़ लगा सकती है।

यह अब तक की सबसे सस्ती हाईब्रीड ईवी साइकिल बन गई है, जिसे महज 12 हजार रुपए के खर्च में पूरी तरह से तैयार कर लिया गया। बढिय़ा बात यह भी है कि इसकी बैटरी को फुल चार्ज करने में आधे घंटे से भी कम वक्त लगेगा।

बाजार में बिकने वाली इलेक्ट्रिक साइकिल अधिकतम 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है, लेकिन स्टूडेंट्स की बनाई यह साइकिल 35 किलो मीटर की रफ्तार से बिना किसी बाधा के दौड़ लगाएगी। साइकिल को कॉलेज के स्टूडेट्स पल्लव चटर्जी, अभिषेक उर्वशा, जयंत टंडन, मोहन कुमार, प्रखर चंद्राकर, प्रांशु मित्तल ने मिलकर तैयार किया है।

क्या है खास फीचर
इसे आम इलेक्ट्रिक साइकिल से हाईटेक फीचर देकर तैयार किया गया है। इसमें लगा एंट्री थ्रेप्ट सिस्टम साइकिल को चोरी होने से बचाएगा। दुघर्टना की स्थिति में यह संबंधित के फोन पर मैसेज भेजकर सूचना भी देगा। इसके साथ ही इसमें खास एलईडी लाइट का सेटअप किया गया है।

36 वोल्ट की मोटर और लिथियम आयन फॉस्फेट बैटरी का उपयोग किया गया है, जिससे इसकी लाइफ 8 से 10 तक रहेगी। कोई भी मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं होगी। स्टूडेंट्स ने बताया कि जल्द ही इसमें नए अपडेट लाए जा रहे हैं, जिसके बाद इसे बाजार में भी उतारा जाएगा। इसकी कीमत अन्य ई-साइकिल से 30 फीसदी तक कम होगी।

स्कूली बच्चों को कराई राइड
ई-साइकिल बनाने वाले स्टूडेंट्स ने गुरुवार को इसका प्रदर्शन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ढौर में किया। स्कूल के बच्चों ने ई-साइकिल चलाकर देखी। यही नहीं साइकिल में लगने वाले पार्ट और इससे बनाने का तरीका भी स्कूली बच्चों के साथ शेयर किया गया।

बता दें कि आरसीईटी ने ढौर स्कूल को गोद लिया है, जिसके तहत बच्चों के लिए कई एक्टिविटीज की जा रही है। ई-साइकिल के प्रदर्शन के दौरान स्कूल प्राचार्य एमएल पटेल, व्याख्याता नंदिता एम प्रसंन्नो, लोमेश्वरी साहू, मीनाक्षी वर्मा, प्रकाश वर्मा मौजूद रहे।

वहीं आरसीईटी कॉलेज में विद्युत विभाग के एचओडी डॉ. अलबर्ट जॉन वर्गीस और राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सत्यधर्म भारती ने भी उपस्थिति दी। उन्होंने स्कूल बच्चों को साइंस में दिलचस्पी बढ़ाकर नए इनोवेशन करने के लिए प्रेरित किया।

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