- 11 फरवरी 2005 को गैंगस्टरों के बीच में लड़ाई के चलते सुपेला में हुई थी महादेव महार की हत्या
- महादेव को गोली मारकर उतार दिया गया था मौत के घाट
- तपन और उसके सहयोगी राजू खंजर को मिली है जमानत
- सोमवार को दुर्ग कोर्ट के न्यायाधीश शैलेश तिवारी की कोर्ट ने दोनों की रिहाई का आदेश जारी भी कर दिया
- महादेव हत्याकांड में 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी
- 20 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था
- तपन के खिलाफ कोर्ट में अभी 7 मामले विचाराधीन हैं
भिलाई। महादेव महार हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने तपन सरकार और उसके सहयोगी राजू खंजर को जमानत दे दी है। सोमवार को दुर्ग कोर्ट के न्यायाधीश शैलेश तिवारी की कोर्ट ने दोनों की रिहाई का आदेश भी जारी कर दिया है। वर्तमान में तपन सरकार रायपुर और राजू जगदलपुर जेल में निरुद्ध है। एडवोकेट राजकुमार तिवारी के मुताबिक 17 वर्ष बाद तपन सरकार और उसके सहयोगी को जमानत मिली है।
हत्याकांड के बाद पहली बार दोनों आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आएंगे। अब तक तपन को गिरफ्तारी के बाद कभी पेरोल पर नहीं छोड़ा गया था। बहुचर्चित गैंगस्टर महादेव हत्याकांड मामले में तपन सरकार सहित 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जबकि उक्त मामले में 20 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था। वकील राजकुमार तिवारी के मुताबिक 11 फरवरी 2005 को गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते सुभाष चौक सुपेला में महादेव महार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तपन के खिलाफ कोर्ट में वर्तमान में 7 मामले विचाराधीन है। इन सभी मामलों में तपन को जमानत मिल चुकी है। लेकिन महादेव हत्याकांड में जमानत नहीं मिलने के कारण वह बाहर नहीं आ पा रहा था।
इस मामले में महादेव के साथी धनजी उर्फ संतोष सिंह की भी हत्या की प्लानिंग थी। वह किस्मत से उस समय बच गया, लेकिन बाद में आरोपियों ने उसकी भी नेहरू नगर क्षेत्र में स्थित एक ढाबे के करीब गला रेतकर हत्या कर दी और उसके शव को केशकाल घाटी में ले जाकर फेंक दिया। हालांकि अंत तक इस मामले में हत्या की मुख्य वजह का खुलासा नहीं हो पाया।