नई दिल्ली। कहा जाता है कि बच्चे भगवान में बसते हैं. इसलिए बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार (Bihar) में सामने आया है. जहां 6 वीं क्लास में पड़ने वाले बच्चे ने सच कर दिखाया. दरअसल, सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अपने गांव पहुंचे थे.
इस दौरान सीएम नीतीश जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुन रहे थे. जहां 11 साल का सोनू कुमार भी पहुंच गया. इस दौरान बच्चे के पहुंचते ही लोगों में हलचल मच गई. सोनू कुमार ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर कड़वे सच कहने का काम किया है.
दरअसल, इस छोटे से बच्चे ने सीएम नीतीश कुमार के सामने शिक्षा की बदहाली और शराब बंदी पर जानकारी दी. सोनू ने बताया कि उसके पिता दही की दुकान से जो कमाते है. उसका इस्तेमाल शराब पीने में लगा देते है. वहीं, सोनू कुमार गरीब परिवार से आने के कारण मध्य विद्यालय नीमा कौल के सरकारी स्कूल में पढ़ता है. जहां पर टीचरों को भी अच्छी शिक्षा नहीं देना आता है. जिसका खुलासा बच्चे ने खुद किया है.
CM नीतीश कुमार के कार्यक्रम में पहुंचा बच्चा, कहा- “हमकों पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए”
मुख्यमंत्री से बच्चा बोला- “मेरे पिता शराब पीते हैं, हमको माता-पिता पढ़ाना नहीं चाहते हैं, दही बेचकर आते हैं, CM ने बच्चे को मदद का भरोसा दिया।”#Bihar @NitishKumar @yadavtejashwi pic.twitter.com/kjOASE8sDw— TV9 Bihar Jharkhand (@TV9Bihar) May 14, 2022
(वीडियो सोर्स – TV9 Bihar Jharkhand)
सरकारी स्कूल में नहीं होती शिक्षा
बता दें कि CM नीतीश कुमार के कार्यक्रम में बच्चा पहुंचा था. इस दौरान उसने कहा कि “हमकों पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री से बच्चा बोला कि “मेरे पिता शराब पीते हैं, हमको माता-पिता पढ़ाना नहीं चाहते हैं. दही बेचकर आते हैं. इस पर CM नीतीश ने बच्चे को मदद का भरोसा दिया है.
हालांकि, बच्चे का कहना है कि हमको शिक्षा चाहिए और सरकारी स्कूल में शिक्षा नहीं होती है. वहीं, सरकारी स्कूल में सर को भी कुछ नहीं आता है.
सरकार मदद करे तो मैं भी बनना चाहता हूं IAS और IPS
इस दौरान सोनू कुमार का कहना है कि अगर सरकार मदद करे तो मैं भी पढ़ लिखकर IAS और IPS बनना चाहता हूं. वहीं, बच्चे का कहना है कि सरकार स्कूल में शिक्षा के हालात बद से बद्तर होते जा रहे है.
इस दौरान बच्चे की काबलियत देखकर अधिकारी से लेकर नेता तक दंग रह गए है. 6ठी में पढ़ने वाला सोनू खुद 5वीं के 40 बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है और अपना खर्च निकालता है. बच्चे की बात सुनकर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को बुलाया और बच्चे की समस्या को सुनकर उसे दूर करने को निर्देश दिये हैं.