रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने आरक्षण संशोधन विधेयक सरकार को लौटा दिया है। ओबीसी, एसटी और एससी वर्ग के लोगों को आज बड़ा झटका लगा है। आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर का लंबे समय से इंतजार था, लेकिन अब राज्यपाल ने इसे लौटा दिया है। बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक के चलते कई भर्तियां रूकी हुई थी। दिसंबर में यह विधेयक सर्व सम्मति से विधानसभा के विशेष सत्र में पारित किया गया था।
आरक्षण संशोधन विधेयक वापस किए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब इस विषय पर शासन विचार कर रहा है। विधेयक पर हस्ताक्षर न होने से भर्तियां प्रभावित हो रही है। हम चाहते है युवाओं को आरक्षण का लाभ मिले।
क्या है आरक्षण संशोधन विधेयक
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को विशेष सत्र बुलाकर पास किया गया था। इस आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। सदन में एक साथ दो विधेयक छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से पारित किया गया था।