हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को दी जमानत, पर रखी शर्त
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में दुष्कर्म के आरोपी की जमानत इस शर्त पर मंजूर कर ली है कि वह न सिर्फ पीड़िता से शादी करेगा, बल्कि उसके बच्चे की भविष्य की सुरक्षा के लिए 2 लाख रुपए भी जमा करेगा. कोर्ट ने आरोपी को जेल से रिहा होने के तीन महीने के भीतर पीड़िता से शादी करने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी जेल से रिहा होने के बाद पीड़िता से शादी करेगा और अपने नवजात शिशु की देखभाल करेगा. कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में चुनौती शोषण के वास्तविक मामलों और सहमति से बने संबंधों के मामलों के बीच अंतर करने का है. कोर्ट ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म दृष्टिकोण और सावधानीपूर्वक न्यायिक विचार की आवश्यकता बताई है. अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक की उसका अपराध सिद्ध ना हो जाए.
कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इस आधार पर नहीं छीना जा सकता है कि उस व्यक्ति पर अपराध करने का आरोप लगा है. सहारनपुर के याची अभिषेक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि सहारनपुर के थाना चिलकाना में याची अभिषेक पर पॉक्सो और दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी से शादी का झूठा वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी ने शादी का वादा पूरा करने से इनकार कर दिया. शिकायतकर्ता का दावा है कि उसकी बेटी की उम्र 15 वर्ष है. जबकि याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट से पीड़िता की उम्र 18 वर्ष निर्धारित हुई है. कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी इस शर्त पर स्वीकार कर ली कि वह जेल से रिहा होने के 3 महीने के अंदर पीड़िता से विवाह करेगा और उसकी नवजात बच्ची की देखभाल भी करेगा. इसके साथ ही जेल से रिहा होने की तिथि से 6 महीने के अंदर पीड़िता के वयस्क होने तक उसके नवजात शिशु के नाम पर दो लाख की एफडी जमा करेगा, जो कि उसके भविष्य को सुरक्षित करेगा.