भिलाई निगम का चौकीदार निकला वसूलीबाज: राजस्व अधिकारी बनकर करता था अवैध वसूली… शिकायत मिली, निगम कमिश्नर ने कर दिया सस्पेंड; निगम ने कहा- धर्मरक्षक से रहे सावधान!

भिलाई। निगम भिलाई चैकीदार के खिलाफ राजस्व अधिकारी बनकर अवैध वसूली करने आरोप लगा है। आरोपी चौकीदार का नाम में धर्मरक्षक पाठक है। निगम के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, चौकीदार धर्मरक्षक पाठक के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी कि उसके द्वारा राजस्व अधिकारी बनकर नगर निगम भिलाई क्षेत्र के निर्माणाधीन मकाओं पर जाकर उनके मालिक से जबदन पैसा वसूलने का कार्य किया जा रहा था। इसी तारतम्य में सिद्वार्थ चक्रवर्ती स्मृति नगर द्वारा अपने रजिस्टर्ड भूखण्ड पर नियमानुसार मकान निर्माण किया जा रहा था। धर्मरक्षक पाठक राजस्व अधिकारी बनकर सिद्धार्थ चक्रवर्ती को धमकाए कि उसके प्रति शिकायत प्राप्त हुई है। 5 हजारू रूपये मामले को रफा-दफा करने के लिए दो नहीं तो हम बेदखली की कार्यवाही कर घर को तोड़ देंगे।

इस दौरान सिद्धार्थ चक्रवर्ती घर पर नहीं थे। डर कर सिद्वार्थ चक्रवर्ती के भाई कौशिक चक्रवर्ती द्वारा 1000 रुपया ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर धर्मरक्षक पाठक के खाते में किया गया। उक्त ट्रांसफर का स्क्रीन शॉट लेकर लिखित शिकायत आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव को की गई। आयुक्त द्वारा प्रथम दृष्टया चैकीदार को दोषी पाते हुए एवं उसके गलत आचरण के द्वारा नगर निगम की छवि धूमिल करने के कारण उसके खिलाफ कार्रवाई की। उपरोक्त कृत्य आचरण अपराधिक प्रवृत्ति, कार्य के प्रति घोर लापरवाही, एवं जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं करने का परिचायक है।

छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के (1)(2)(3) के विपरित पाया गया। उपरोक्तानुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के कारण पाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन की अवधि में मुख्यालय जोन 04 शिवाजी नगर अनुविभाग कार्यालय में रहेगा। निलंबन अवधि में उन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। आम नागरिको को सूचित किया जाता है कि धर्मरक्षक पाठक से सावधान रहे। किसी भी प्रकार की असोभनीय कृत्य करते पाये जाने पर नगर निगम भिलाई के राजस्व विभाग को सूचित करे।

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