रायपुर। छत्तीसगढ़ में साय सरकार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए IAS ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसने राज्य सरकार को अपनी सिफारिश सौंप दी है। अब अंतिम निर्णय सरकार के हाथ में है। समिति ने सुझाव दिया है कि एक साथ चुनाव कराने से न केवल धन की बचत होगी, बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। समिति का मानना है कि अगर दोनों चुनाव अलग-अलग कराए जाते हैं, तो आचार संहिता भी दो बार लागू करनी पड़ेगी, जिससे विकास कार्य प्रभावित होंगे और मैन पावर की भी अधिक आवश्यकता होगी।

आपको बता दें कि पिछले नगरीय निकाय चुनाव 2019-20 में हुए थे। राज्य के 27 जिलों में 151 निकायों के 2840 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान 21 दिसंबर 2019 को हुआ था, जबकि परिणाम 24 दिसंबर को घोषित किए गए थे। इसके बाद 20 दिसंबर 2020 को 15 नगरीय निकायों के 370 वार्डों में आम चुनाव आयोजित किए गए थे।
छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकायों का ढांचा इस प्रकार है:
नगर निगम: 14 नगर निगम हैं, जो बड़े शहरों के लिए होते हैं और यहाँ की जनसंख्या अधिक होती है।
नगर पालिका परिषद: 48 नगर पालिका परिषद हैं, जो छोटे शहरों और कस्बों के लिए होते हैं।
नगर पंचायत: 122 नगर पंचायत हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे नगरों के लिए स्थापित की जाती हैं।