– बोल बम बम सेवा एवं कल्याण समिति और मीडिया हाउस के कार्यक्रम में पहुंचे गणमान्य नागरिक
– आयोजक की भूमिका में नजर आए समिति के अध्यक्ष व पार्षद दया सिंह
भिलाई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार को एसएनजी सेक्टर-4 में बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति व दैनिक हरिभूमि की ओर से महिला सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। वहीं आयोजक की भूमिका में बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के अध्यक्ष दया सिंह नजर आए।
समारोह में बेहतर काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि अनिला भेड़िया ने कहा, महिलाओं का सम्मान सिर्फ 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ही नहीं बल्की हर रोज होना चाहिए। हम महिलाएं आज कड़ी मेहनत और संघर्ष करके सफलता को हासिल की है। आज महिलाएं खेत में काम करते दिख जाएंगी तो वहीं राजनीति, डॉक्टर, इंजीनियरिंग, शिक्षा हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी जगह बना ली है।
कोरोनाकाल में बेहतरीन काम करने वालों को मिला सम्मान
जहां शहर की वे महिलाएं जिन्होंने अपने घर परिवार के साथ ही समाज हित में काम किया, जनता की सेवा करने में जुटे हैं। जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान को दांव पर लगाकर लोगों की सेवा की। ऐसे समाजसेवी, सेवा भावी उत्कृष्ठ महिलाओं का सम्मान किया गया है। कार्यक्रम की मुख्यअतिथि मंत्री अनिला भेड़िया रही।
विशेष अतिथि ब्रह्मकुमारी आशा बहन, गृहमंत्री की बहू सरिता साहू, डॉ. रश्मी भुरे, डॉ. मानसी गुलाटी, शाही द..हरा उत्सव समिति की संरक्षिका चारूलता पांडे, बोल बम सेवा व कल्याण समिति के अध्यक्ष दया सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मिश्रा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयंसिद्धा फाउंडेशन की सोनाली चक्रवर्ती और मंच संचालन हरिभूमि की पत्रकार संगीता मिश्रा ने की। कार्यक्रम में बारी-बारी से भी अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया।
स्वागत के बाद महिलाओं को संबोधित करते हुए मंत्री अनिला ने आगे कहा कि हमें अपनी कमजोरी और कमियों को पहचानना होगा और उसे दूर करना होगा। हमें बेटियों को शिक्षा देने के साथ ही बेटो को यह संस्कार देना होगा कि वे जिस तरह अपनी मां को सम्मान देते हैं उसी तरह हर महिला व लड़कियों का सम्मान करें।
परमात्मा की अद्भूत रचना
ब्रह्मकुमारी आशा ने कहा कि नारी परमात्मा की अद्भूत रचना है। नारी में ही नर समाया हुआ है। आदि काल से ही नारियों का सम्मान हो रहा है। ऐसे में नारी को अपने हक के लिए लड़ना पड़े उचित नहीं लगता। यह नारियों की ही कमी है जो हमें अपना अधिकार मांगना पड़ रहा है। हमें अपनी शक्ति को पहचानना होगा।
संस्कार देना जरूरी है
उतई थाना टीआई नवी मोनिका पांडेय ने कहा कि देश व समाज को बदलना है तो सबसे पहले हमें अपने बच्चों को ऐसा संस्कार देना होगा कि वे हर महिला का सम्मान करें। जब हम बच्चों को ऐसी शिक्षा देंगे तो ना ही बेटी रोएगी और ना ही बहू। इससे क्राइम भी कम होगा। हमें पुरूषों का भी सम्मान करना चाहिए।
कैंसर के प्रति कर रही जागरूक
डॉ. नम्रता सिंह कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम करती है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 5 लाख लोगों को जागरूक कर चुकी है। उड़ान एक मंजिल संस्था की अंजू ने कहा कि पहली बार 35 वर्ष से अधिक उम्र वाली महिलाओं का क्रिकेट प्रतियोगिता कराया गया था। महिला पुलिस कांउसलर शाहना कुरैशी ने बताया कि घरेलू हिंसा के मामले अधिक आ रहे हैं। आत्मनिर्भर करने का भी हम प्रयास कर रहे हैं। करीब 20 लाेगों को हमने रोजगार भी दिलाया है।
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