BSP के मानव संसाधन विभाग में आयोजित किया गया EPFO के द्वारा eps95 पर वर्कशॉप… पेंशन को लेकर डाउट हुए क्लियर; आप भी समझिये

भिलाई। BSP के मानव संसाधन विभाग में EPFO के द्वारा eps95 पर वर्कशॉप आयोजित की गई। छत्तीसगढ़ जोन के प्रभारी अतिरिक्त भविष्य निधि कमिश्नर रंगनाथ प्रमुख रूप से उपस्थित थे। वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य उच्च पेंशन के लिए आ रही जिज्ञासा को शांत करना ,कर्मचारियों के मन में उठ रहे सवालों, शंका का समाधान करना था। कार्यक्रम के प्रारंभ में ईपीएफओ के तरफ से एक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें विस्तार पूर्वक बताया गया कि eps-95 क्या है। पहले किस नियम के तहत इपीएस में पैसा जमा होता था, अब किस तरह पैसा जमा होगा, उस पर कितना ब्याज देना होगा। कुछ विशिष्ट प्रकरणों के माध्यम से इसे विस्तारपूर्वक समझाया गया । कौन पात्र है और अपात्र इस पर प्रकाश डाला गया और एक वर्कशीट के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया। हर कोई यही जानना चाहता था कि उसे कितना पैसा जमा करना होगा और कितना पेंशन मिल पाएगा । इन सभी प्रश्नों का बड़ी बेबाकी से ईपीएफओ के द्वारा जवाब दिया गया।

इस कार्यक्रम में बी एस पी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने ईपीएफओ तथा बीएसपी प्रबंधन से आग्रह किया कि यह जो वर्कशीट जिस पर कैलकुलेशन किया गया है उसे बीएसपी प्रबंधन ईपीएफओ से प्राप्त कर कर्मचारियों को उसे ई सहयोग के माध्यम से उपलब्ध करा दें ताकि हर कर्मचारी जमा करने वाली राशि और मिलने वाली पेंशन की गणना कर सकें। उज्जवल दत्ता ने यह भी आग्रह किया कि क्यों ना ईपीएफओ का कार्यालय भिलाई में ही खोल दिया जाए जिससे कर्मचारियों को भिलाई में ही उनकी समस्या का समाधान मिल सके और उन्हें रायपुर तक दौड़ ना लगाना पड़े।

इसी क्रम में बीएसपी वर्कर्स यूनियन के वरिष्ठ सचिव मनोज डडसेना ने ईपीएफओ से आग्रह किया कि वर्कशीट में ब्याज की गणना हेतु प्रयुक्त होने वाले सूत्र को सार्वजनिक किया जाए ताकि हर कर्मचारी अपने ब्याज की गणना कर सके, जिससे उसे यह पता चल सके कि, उसे कितना पैसा eps95 में जमा करना होगा।

यूनियन प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के सवाल-जवाब से जो बातें सामने निकल कर आया वह कुछ इस प्रकार है –

ईपीएस95 नवंबर 1995 को अस्तित्व में आया, जिनका उद्देश्य कर्मचारी को एक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना था , इसके लिए 8.33% की राशि Eps में जमा करना था।

  • वर्ष 16-11-1995 से लेकर 07-10-2001 तक 5000/- पर 8.33% जमा लिया गया।
  • इसके बाद 08-10-2001 से लेकर 31-08-2014 तक ₹6500/- पर 8.33% जमा लिया गया।
  • सितंबर 2014 को यह राशि बढ़ाकर ₹15000/- कर दिया गया जिसके हिसाब से ₹1250/- अभी eps फंड मेंजमा हो रहा है।
  • वर्ष 1996 में ईपीएफओ के द्वारा सिलिंग को हटाते हुए कर्मचारियों को उनके वास्तविक वेतन के आधार पर 8.33% जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया।
  • इस हेतु कर्मचारियों को संयुक्त विकल्प फॉर्म EPFO में जमा करना था, जिसके लिए कर्मचारियों को 6 महीने का समय दिया गया।
  • जानकारी के अभाव में या गलत फॉर्म भरने के कारण कुछ कर्मचारियों के फॉर्म रिजेक्ट हो गए तथा कुछ कर्मचारी फॉर्म ही जमा नहीं कर पाए थे।
  • ऐसे कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और माननीय न्यायालय से निवेदन किया कि उन्हें भी इस योजना में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाए। – जिस पर संज्ञान लेते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में 4 नवंबर 2022 को फैसला दिया, जिसके अनुसार अब आप अपने वास्तविक वेतन पर 8.33% की राशि पेंशन फंड में जमा कर सकेंगे अंतर की यह राशि eps फंड में जमा करना होगा।
  • जिसके बाद पेंशन की गणना मुख्य रूप से दो हिस्सों में की जावेगी नवंबर 1995 से अगस्त 2014 तक के सर्विस के लिए वास्तविक वेतन का 12 माह का औसत लिया जाएगा
  • जिसे पेंसेनेबल सैलरी कहा जाएगा, तथा अगस्त 2014 के बाद के लिए अंतिम 60 महीने का औसत वेतन पेंसनेबल सैलरी होगा।
  • जिसके अनुसार पेंशन की गणना हेतु प्रयुक्त सूत्र इस प्रकार होगा – 1995 से लेकर अगस्त 2014 तक के लिए

A = 12 माह का औसत पेंसनेबल सैलरी * पेंसनेबल सर्विस पीरियड (20 वर्ष से अधिक है तब इसमें प्लस 2 करना होगा) फिर ईसे 70 से भाग देना होगा

B= (60 माह का औसत पेंसनेबल सैलरी * पेंसनेबल सर्विस पीरियड)/70

अब A और B को जोड़ने पर जो आएगा वह आपको प्राप्त होने वाला पेंशन होगा।