दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत: रात को मॉस्किटो कॉइल जलाकर सोया था परिवार… सुबह मिली लाश… पुलिस ने मौत की ये वजह बताई

एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

मल्टीमीडिया डेस्क। देश की राजधानी दिल्ली के शास्त्री पार्क (Shastri Park) इलाके में शुक्रवार को एक घर से 6 लोगों की डेड बॉडी बरामद (Six dead body recover) हुई. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं. जब वे सो रहे थे, तब उन्होंने कार्बन मोनोऑक्साइड को सूंघ लिया था जो रात भर मच्छर भगाने वाली दवा के जलने के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई थी. नॉर्थ ईस्ट जिले के डीसीपी ने ये जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शास्त्री पार्क में एक ही परिवार के लोग बीती रात कॉइल जलाकर सो गए थे. तभी कॉइल के कारण तकिए में आग लग गई. आग लगने से दो लोगों की झुलसने से मौत हो गई. जबकि 4 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस इस मामले की जांच कई एंगल से कर रही है.

शास्त्री पार्क पुलिस के मुताबिक मरने वालों में चार वयस्क पुरुष, एक वयस्क महिला और एक लड़की शामिल है. मरने वालों में एक डेढ़ साल का बच्चा, 15 साल की एक लड़की, 45 साल का पुरुष भी शामिल है. इस घटना में दो झुलसे लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. थाना पुलिस के मुताबिक शुक्रवार यानी 31 मार्च नौ बजे सुबह पीसीआर कॉल आई कि मजार वाला रोड, मच्छी मार्केट, शास्त्री पार्क स्थित एक घर में आग लग गई है. पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि घायलों को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया है. घटना में कुल 9 लोग शामिल थे.

तो इस गैस की वजह से गई सभी की जान?
डीसीपी उत्तर पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त इस घटना के बारे में बताया है कि बीती रात यानि 30 मार्च की रात पीड़ित परिवार मॉस्किटो काॅइल जलाकर सोया था. 31 मार्च की सुबह सभी लोग कमरे में सभी मृत पाए गए. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि काॅइल से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड रातभर सांस के साथ अंदर जाने के कारण यह हादसा हुआ. हालांकि, इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है.

जानलेवा क्यों होता है कार्बन मोनोऑक्साइड ?
दरअसल, कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जानलेवा होता है. अगर यह गैस सांस के साथ शरीर के अंदर चला जाए तो आदमी पीला पड़ जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति की कुछ देर में मौत भी हो सकती है. इसके अलावा चक्कर आने के साथ कमजोरी महसूस होने लगती है. कोमा की अवस्था में श्वसन अंगों के फेल हो जाने से मौत होती है. गैस की कम मात्रा होने की स्थिति में तनाव, बेचैनी, चक्कर आना, घबराहट के साथ कानों में तेज आवाजें सुनाई पड़ने लगती हैं. मितली आना, मांसपेशियों में कमजोरी के कारण चलने फिरने में दिक्कत महसूस होना, देखने में परेशानी, सांस लेने में परेशानी आदि इसके लक्षण हैं.

खबरें और भी हैं...
संबंधित

जशपुर पुलिस की मवेशी तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही:...

जशपुर। छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले में मवेशी तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। दो दिनों में मवेशियों की तस्करों को पकड़ा गया है।...

कल होगी छत्तीसगढ़ कलार समाज प्रांतीय कार्यकरणी की बैठक:...

रायपुर। कल यानी 19 मई को छत्तीसगढ़ कलार समाज प्रांतीय कार्यकरणी की बैठक कर्मा धाम साहू समाज भवन संतोषी नगर रायपुर में रखी गई...

CG में सस्पेंशन नहीं अब होगी बर्खास्तगी: बिना सूचना...

डेस्क। छत्तीसगढ़ में अब बिना सूचना के ऑफिस नहीं आने वाले सरकारी कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी है। सामान्य प्रशासन विभाग की...

इंस्पेक्टर नरेश पटेल ने हेमचंद यादव विवि दुर्ग से...

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में निरीक्षक पद पर पदस्थ नरेश पटेल ने दुर्ग के हेमचंद विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली है।...

ट्रेंडिंग