मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश वासियों को दी छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस की बधाई: 13 साहित्यकारों का CM ने किया सम्मान…10 साहित्यकारों की रचनाओं का विमोचन; देखिये उनके नाम

  • CM हाउस ऑफिस में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस का आयोजन
  • 10 साहित्यकारों की रचनाओं का CM बघेल ने किया विमोचन

रायपुर। आज का दिन सभी छत्तीसगढ़िया और छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए खास है। आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के द्वारा सोमवार को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभाषा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के 13 साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनकी सेवा को देखते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा के 10 साहित्यकारों की रचनाओं का मुख्यमंत्री ने विमोचन भी किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए प्रदेश वासियों को राजभाषा दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी हमारी मातृ भाषा और हमारा अभिमान है जिसको संवारने और आगे बढ़ाने का काम छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने अरपा पैरी के धार को राजगीत बनाया और सरकारी स्कूलों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई लिखाई शुरू करवाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर छत्तीसगढ़िया की जिम्मेदारी है कि वो छत्तीसगढ़ी को आगे बढ़ाने का काम करे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ शासन स्थानीय तीज त्यौहारों और खेलों को बढ़ावा देकर देश दुनिया में छत्तीसगढ़ी को पहचान दिलाने का काम कर रही है।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागेश्वर प्रसाद जिला- रायपुर, रामेश्वर शर्मा जिला रायपुर, डॉ. जे. आर. सोनी जिला- दुर्ग, पी सी लाल यादव जिला सक्ती, दुर्गा प्रसाद पारकर जिला रायपुर, रामनाथ साहू जिला- रायपुर, सोरिन चन्द्रसेन जिला- महासमुंद, परमानंद वर्मा जिला खैरागढ़, बुधराम यादव जिला बिलासपुर, रंजीत सारथी जिला- सरगुजा , डॉ. शैल चन्द्रा जिला धमतरी, डुमन लाल धुव जिला धमतरी एवं रुद्र नारायण पाणिग्राही जिला-जगदलपुर को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभाषा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन भी किया।

  • मुख्यमंत्री ने महेत्तरू मधुकर की रचना गुरतुर भाखा
  • डॉ. सुरेश कुमार शर्मा की वाल्मिकी रामायण
  • सुखदेव सिंह अहिलेश्वर की बंगस्य छन्द अंजोर
  • तेजपाल सोनी की श्रीमद भगवत गीता
  • सुमन लाल ध्रुव की गांव ल सिरजाबो
  • राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा की अमरईया हे मनभावन
  • कमलेश प्रसाद शरमा बाबू की कुटिस बंदरा जझरग-जझरग
  • डॉ. शिल्पी शुक्ला की छत्तीसगढ़ महिला लेखन
  • र्मिला शुक्ल की रचनाएँ तथा पी.सी. लाल यादव की कृतियों का विमोचन किया।

कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी एवं संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में राजभाषा दिवस का इतिहास
आपको बता दे की, 28 नवंबर 2007 को विधानसभा में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा देने विधेयक पारित हुआ था। आरडी तिवारी स्कूल में अखिल भारतीय साहित्य परिषद व हरि ठाकुर स्मारक संस्थान द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी विभूतियों के सम्मान कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने यह ऐलान किया था।

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