माफ करना साक्षी: सिस्टम की लापरवाही ने ली टीचर की जान, राजधानी में करंट लगने से स्टेशन के पास हुई घटना… आखिरी समय भी अपने दो बच्चो की सेफ्टी के लिए चिल्लाती रहीं; रुला देगी ये कहानी

-दो बच्चों की मां साक्षी टीचर होने के साथ-साथ पूरे परिवार को संभालती थी
-करंट लगने से स्टेशन परिसर में साक्षी अहूजा की मौत
-तार खुले होने के कारण पोल में दौड़ रहा था करंट

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से दुखद खबर सामने आई है। दरहसल 35 साल की साक्षी आहूजा की जान सिस्टम की लापरवाही ने ले ली है। पानी की वजह से साक्षी का पैर फिसला और गिरने से बचने के लिए उन्होंने खंभे को पकड़ा। तार खुले होने के कारण खंभे में करंट दौड़ रहा था और साक्षी चपेट में आ गईं और उसकी मौत हो गई। इस घटना ने दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लोगों को इमोशनल कर दिया है। देश में कई जगह झमाझम बारिश हो रही है। जिस वजह से पानी भराव के मामले सामने आ रहे है। जिससे सरकारी सिस्टम की पोल खुल रही है। दो बच्चों की मां साक्षी टीचर होने के साथ-साथ पूरे परिवार को संभालती थी। दोनों बच्चों की उम्र केवल 7 और 9 साल है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार सुबह वंदेभारत एक्सप्रेस पकड़ने के लिए साक्षी दोनों बच्चों के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन 5.30 बजे ही पहुंच गई थीं। उस दिन बारिश शुरू हो गई थी, पार्किंग एरिया में जगह-जगह पानी भरा हुआ था। वह पहाड़गंज की तरफ गेट नंबर 2 पर बनी पार्किंग से होते हुए स्टेशन जा रही थीं। तभी साक्षी का पैर फिसला और गिरने से बचने के लिए उन्होंने खंभे को पकड़ लिया। तार खुले होने के कारण खंभे में करंट दौड़ रहा था और साक्षी चपेट में आ गईं। वह तड़पने लगीं, चिल्ला रही थीं लेकिन एक मां की ममता तो ममता है समझिए वह उस समय अपने बच्चों को दूर करने के लिए कह रही थीं। वह चिल्ला रही थीं कि बच्चों को यहां से दूर हटा दो।

मृतिका साक्षी के रिश्तेदार राजेश चोपड़ा ने बताया कि, दोनों बच्चे अपनी पहली ट्रेन यात्रा को लेकर काफी खुश थे। उन्होंने वंदे भारत के बारे में काफी सुना और पढ़ा था। घरवालों ने बताया कि साक्षी ने पहले कार से जाने की योजना बनाई थी, बाद में ट्रेन का टिकट बुक करा लिया। उन्होंने नम आंखों से कहा, ‘इतनी कम उम्र में अपनी मां को खोने से बड़ा गम और क्या हो सकता है?’ साक्षी और उनके परिवारवालों ने हिमाचल प्रदेश घूमने का भी प्लान किया था। वह अपने माता-पिता और बहन को भी ले जा रही थी।

परिवारवालों का कहना है कि स्टेशन के बाहर पार्किंग एरिया में पानी भरा था। हम दिल्ली को स्मार्ट सिटी कहते हैं लेकिन यही सुविधा है? हमने कभी नहीं सोचा था कि साक्षी को हम आखिरी बार देख रहे हैं। एक रिश्तेदार ने बताया, ‘यह बहुत दर्दनाक था। वह अपने बच्चों को बहुत प्यार करती थी। घटना के समय भी वह चिल्लाते हुए कह रही थी कि उसके बच्चों को वहां से दूर कर लो।’

‘हमें मुआवजा नहीं.. हमारी बच्ची लाकर दे दो’
साक्षी के परिजनों का आरोप है कि रेलवे की लापरवाही की वजह से उसकी जान चली गई। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए, मुआवजे से हमारी बेटी वापस नहीं आ जाएगी। हमें हमारी बेटी ही वापस चाहिए।

रेलवे ने क्या कहा
उधर, रेलवे का कहना है कि इंसुलेशन फेल्योर होने के कारण केबल से करंट पोल में आ गया था। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पोल से कुछ तार बाहर निकले हुए हैं। अहूजा पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में रहती थीं। वह एक आर्किटेक्ट भी थीं।

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