धमतरी। धमतरी में रविवार को 17 सितंबर को छत्तीसगढ़ कलमकार मंच द्वारा डॉ. नीलमणी कुंवर दादर के 88वीं जयंती पर संगवारी साहित्य सम्मान का आयोजन किया गया। मिठमैना नोनी योगिता द्वारा सरस्वती गान और मीर के छत्तीसगढ़ महतारी महिमा गान के संग काव्य निशा की शुरुआत हुई।

- योगिता साहू ने अपने मधुर कंठ से श्रृंगार गीत गजल मे काव्य पाठ किया।
- सतीश शर्मा ने अपनी बुलंद आवाज में उत्कृष्ट हिंदी के संग कृष्ण और राधा व गोपियों की उपमा से श्रृंगार गीत गाया।
- श्रीकांत मिश्रा अंजान द्वारा हास्य व ओज काव्य पाठ किया गया।
- ऋषभ देव आकाशवाणी उद्घघोषन स्टाइल में बस्तर के महिमा के बखान किया।
- मोहन कंसारी द्वारा मातृ भूमि व देश प्रेम कविता।

शिरोधार्य कवि छत्तीसगढ़ के आन बान अऊ शान (रहीम के दोहे, कबीर की साखी तुलसी की चौपाई, यह सब जब मिलते है तब बनते है मीर अली) मीर के छत्तीसगढ़ी संस्कृति सभ्यता के संरक्षण के गीत के संग बहुत ही सफल शानदार तीजा करु भात के दिन गांव चिंवरी में डॉ. नीलमणि कुंवर दादर के जंयती पर कवि सम्मेलन संपन्न हुआ।

संगवारी साहित्य सम्मान
रामेश्वर सिन्हा द्वारा उनके गीत मां की महिमा गान सुनकर छत्तीसगढ़ कलमकार मंच स्वयं सम्मानित हुआ। पूरी तन्मयता से श्रोताओं द्वारा करतल ध्वनियों से सभी कवियों को सराहा गया। कवि सम्मेलन में श्रोताओं की उपस्थिति तिजाहरिन बहनों के कारण बहुत संख्या में रही। मुख्य अतिथि तारणी नीलम चन्द्राकर (सभापति जिला पंचायत धमतरी) की उपस्थिति मंच को गरिमा प्रदान की अंत में आभार व्यक्त संस्था के महासचिव हर्ष देव मुड़माड़ी द्वारा किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में रंजन सार्वा संस्थापक, हर्ष देव महासचिव, सतीश शर्मा उपाध्यक्ष, इन्द्रजीत दादर निशाचर प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ कलमकार मंच निलात्म छंईहा का बड़ा हाथ रहा।


