…और कुछ पन्ने कोरे रह गए: छत्तीसगढ़ के भिलाई में प्रकाशित हुई है इरफ़ान खान पर लिखी पहली हिंदी बुक “इरफ़ान”… वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने लिखी है ये किताब; पढ़िए

…और कुछ पन्ने कोरे रह गए “इरफ़ान”
मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक व लेखक अजय ब्राह्मतमज ने दिवंगत अभिनेता “इरफ़ान खान” की याद में लिखा पुस्तक

मुंबई। मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने दिवंगत अभिनेता इरफ़ान खान की याद में (..और कुछ पन्ने कोरे रह गए “इरफ़ान”) बुक लिखा है। इस पुस्तक का प्रकाशन सरस्वती बुक्स ने किया हैं यह प्रकाशन मूलतः छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं। पाठक इस पुस्तक की खूब प्रसंशा कर रहे है। 2 हफ्ते में 999 प्रतियाँ पाठकों तक पहुंच चुकी है। पुस्तक के भीतर दो खंड है। एक तो अजय ब्राह्मतमज के द्वारा इरफ़ान जी से अलग-अलग समयों पर लिए गए साक्षात्कार और दूसरे खंड में देश के ख्यातिलब्ध लेखक, पत्रकार, समीक्षक, अभिनेताओं आदि के अभिनेता पर लिखे आलेख और संस्मरण है।

जैसे दिल खोल कर हम इरफ़ान को पढ़ सकते, जान सकते हैं . लेकिन सबसे ख़ास बात इरफ़ान जैसे विराट अभिनेता और शख़्सियत के दो भिन्न बिंदुओं को देखना-जानना भावुक तो करता है साथ ही इरफ़ान को अजूबे की तरह याद करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

अजय ब्रह्मात्मज का हिन्दी सिनेमा पत्रकारिता में लंबा योगदान रहा है। इस बुक को दिवंगत अभिनेता इरफ़ान खान पर हुआ एक ऐतिहासिक काम बताया जा रहा है। जिसे सिनेमा के चाहने वालों को तो पढ़ना ही चाहिए। साथ ही पत्रकारिता और सिनेमा के स्कूलों में भी इस किताब को होना चाहिए। साथ ही जब-जब इरफ़ान को जानने आगे आने वाली पीढ़ी आएगी, यह तय है कि इस पुस्तक से होकर उन्हें गुज़रना ही होगा। क्योंकि इन पन्नों पर न केवल इरफ़ान के बारे में जानकारियाँ हैं बल्कि अपने समय के एक बड़े अभिनेता का दीदार कुछ इस तरह है जैसे वे इस जगह अब भी हरकत कर रहे।

यक़ीनन, यहाँ इरफ़ान हम सबको मुस्कुराते मिलेंगे! इस पुस्तक को सोसल मिडिया के माध्यम से बड़े-बड़े अभिनेताओं ने सम्मन दिया है। जैसे की विक्की कौशल, तापसी पन्नू , विनीत कुमार सिंह, वरुण ग्रोवर, इरशाद कामिल, संजय पांडेय, गुलशन देवयश, चंद्र शेखर दत्ता, यशपाल शर्मा जैसे अनेक अभिनेताओं ने सम्मान दिया है।

इसके प्रकाशक आकाश माहेश्वरी ने बताया कि, ” इरफ़ान ” को प्रकाशित करना उनके लिए सौभाग्य की बात रही। इस पुस्तक के लेखक अजय ब्रह्मात्मज ने यह पुस्तक को लिखने के बाद प्रकाशित करने के लिए सरस्वती बुक्स को चुना उसके लिए भी उन्हों ने अजय ब्रह्मात्मज को भी धन्यवाद दिया है। यह वे इस पुस्तक की क्वाल्टी पर भी विशेष रूप से ध्यान दें रहें हैं।

यह हिंदी भाषा पर इरफ़ान की पहली प्रकाशित पुस्तक हैं। छत्तीसगढ़ के प्रकाशन से यह पुस्तक प्रकाशित होना हम सब छत्तीसगढ़ प्रदेश वासियों के लिए गर्व का विषय है। यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध हैं।

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