वेस्ट बंगाल वेटरिनरी काउंसिल के द्वारा “वन्य पशु बचाव, प्रबंधन और पुनर्वास” पर वैज्ञानिक संगोष्ठी… भिलाई के डॉ. सुशोवन रॉय रहे स्पीकर

कोलकाता, भिलाई। वेस्ट बंगाल वेटरिनरी काउंसिल के द्वारा कोलकाता में आयोजित वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू मैनेजमेंट एंड रिहैबिलिटेशन टॉपिक पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें भिलाई के प्रोफेसर डॉक्टर सुशोवन रॉय को स्पीकर के तौर पर इनवाइट किया गया। 6 अप्रैल शनिवार के दिन बेलगछिया में हुआ। इस आयोजन में 300 से अधिक वेटरनरी डॉक्टरों भाग लिया। इस प्रशिक्षण में IFS अफसर, पूर्व डायरेक्टर रिटायर, प्रोफेसर और कुछ वैज्ञानिक उपस्थित थे।

डॉक्टर डॉ. सुशोवन रॉय ने बताया कि आज के दिन में वाइल्ड एनिमल खाने के तलाश में शहर तक आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भालू और हाथी गांव में नजर आ रहे हैं। इस दौरान रॉय ने जो भी जानकारी दी उससे मुख्य अतिथि, अन्य अतिथि और कई आईएएस ऑफिसर प्रसन्न हुए। इतने बड़े मंच पर वक्ता रहे यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। आपको बता दे डॉ. सुशोवन रॉय मेडिसिन कॉलेज ऑफ़ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी दुर्ग छत्तीसगढ़ के पूर्व HoD है इसके साथ ही वे वाइल्डलाइफ हेल्थ एंड फॉरेंसिक सेंटर CGKVV दुर्ग के पूर्व डायरेक्टर भी है।

पश्चिम बंगाल पशु चिकित्सा परिषद द्वारा शनिवार को सुबह 10.30 बजे “वन्य पशु बचाव प्रबंधन और पुनर्वास” पर वैज्ञानिक संगोष्ठी सह जागरूकता कार्यक्रम
परिषद का ऑडिटोरियम हॉल, 37, केबी सारणी, बेलगछिया, कोलकाता-37 आयोजन किया गया। इस दौरान प्रोफेसर (डॉ.) श्यामसुंदर दाना, कुलपति, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुब्रत मुखर्जी, आईएफएस और पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख, भारत सरकार उपस्थित रहे और उन्होंने वन्यजीवन पर अपने विशाल अनुभव को साझा किया। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में सौरभ चौधरी, आईएफएस, सदस्य सचिव, पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण और मिलन कांति मंडल, डब्ल्यूबीएफएस, प्रभागीय वन अधिकारी, 24 पीजी (दक्षिण) प्रभाग भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थिति हुए। प्रोफेसर (डॉ.) सुशोवन रॉय, पशु चिकित्सा विभाग के पूर्व प्रमुख, पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन महाविद्यालय, दुर्ग (छत्तीसगढ़) और वन्यजीव स्वास्थ्य और फोरेंसिक केंद्र, सी.जी.के.वी.वी, दुर्ग के पूर्व निदेशक वक्ता के रूप में अपना भाषण दिए।