बलौदाबाजार में धारा 144 की अवधि बढ़ी: जानिए क्या-क्या होगी पाबंदी और कब तक लागू रहेगा आदेश…? कलेक्टर दीपक सोनी ने जारी किया आर्डर…

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले में 10, जून को संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में हुई हिंसा के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों सहित जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के निवासियों में भय के वातावरण को देखते हुए संयुक्त जिला कार्यालय कार्यालयीन आदेश कमांक/367/एस.डब्ल्यू. /2024 बलौदाबाजार 10 जून 2024 द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में धारा 144 (1) एवं (2) दिनांक 10 जून 2024 की रात्रि 9.00 बजे से दिनांक 16 जून 2024 को मध्यरात्रि 12.00 बजे तक लागू किया था।

जिसे बढ़ाकर आज दिनांक 17 जून 2024 को सायं 4.00 बजे से दिनांक 20 जून 2024 को मध्यरात्रि 12.00 बजे तक कर दिया गया है। उक्त धारा नगरपालिका सीमा क्षेत्र बलौदाबाजार में प्रभावशील होगा। पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा द्वारा अपने प्रतिवेदन दिनांक 16 जून 2024 के माध्यम से घटना स्थल क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने व शासकीय कार्य सुगमता से सम्पन्न कराये जाने के लिए संबंधित क्षेत्रों को धारा 144 (1) (2) द.प्र.सं.के अंतर्गत प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने बाबत् अनुरोध किया गया है।

उपरोक्त कारणों के आधार पर नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु तत्काल कार्यवाही करना आवश्यक है। ताकि जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के रहवासी भयमुक्त वातावरण में निर्भय होकर निवास कर सके। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी दीपक सोनी द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (1) एवं (2) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है। जिसके तहत नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। अन्य जिले अथवा बाहरी व्यक्तियों का 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के समूह का नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

कोई भी व्यक्ति न तो किसी प्रकार का शस्त्र तलवार,फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरा, कुल्हाड़ी, गुप्ती,त्रिशुल, खुकरी, सांग एवं बल्लम अथवा अन्य अस्त्र- शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं निकलेगा। अपवाद जो व्यक्ति शासकीय कर्तव्य पर है ड्यूटी के दौरान अस्त्र-शस्त्र धारण कर सकेंगे। ऐसे वृद्ध / दिव्यांग जो लाठी के बिना चलने में असमर्थ है, वे लाठी का प्रयोग कर सकेंगे। चूंकि यह संकटकालीन तथा आपातकालीन स्थिति एकाएक उत्पन्न हुई है और किसी पक्ष या व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देना संभव नहीं है। यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है एवं प्रत्येक जनसाधारण पर तामिल किया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 के अंतर्गत धारा 144 (2) के अंतर्गत समयाभाव के कारण सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए एकतरफा कार्रवाई कर पारित किया जाता है।

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