SAIL के पहले फ्लोटिंग सोलर प्लांट का IISCO में हुआ शुभारंभ… भिलाई स्टील प्लांट में भी लगाने की तैयारी; जानिए फायदे

आसनसोल, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) के पहले फ्लोटिंग सोलर प्लांट का उद्घाटन 22 जून को, इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) बर्नपुर में निदेशक प्रभारी (बर्नपुर और दुर्गापुर स्टील प्लांट) बी पी सिंह द्वारा किया गया। 4 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाला यह फ्लोटिंग सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम सेल और इस्को स्टील प्लांट-आईएसपी के ग्रीन एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लगभग 4 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने की संयंत्र की क्षमता आईएसपी के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी। भिलाई स्टील प्लांट में भी फ्लोटिंग सोलार प्लांट लगाने की तैयारी है।

फ्लोटिंग सोलर पैनल की डिज़ाइन के कई लाभ हैं, जैसे कि इसकी उच्च दक्षता, जल बचाव एवं ऊर्जा बचत आदि। फ्लोटिंग सोलर प्लांट, आईएसपी के कार्बन उत्सर्जन को भी प्रति वर्ष लगभग 5452 टन कम करने में मदद करेगा। आपको हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने भी एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए हल ही में पीपीए साइन किया है।

इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) बर्नपुर में फ्लोटिंग सोलर प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम में श्री सिंह ने सभी संबद्ध कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा, कि सूर्य की सौर उर्जा का उपयोग करके यह संयंत्र स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने के साथ जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता और हमारे कार्बन फूटप्रिंट को भी कम करेगा। यह अत्याधुनिक सिस्टम न केवल पूरे इस्पात उद्योग की पहली फ्लोटिंग सोलर परियोजना है, बल्कि पूरे भारत में किसी भी विनिर्माण उद्योग में अपनी तरह की पहली परियोजना है। इस पहल ने सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों के लिए भी इसी तरह की परियोजनाएं शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

बीएसपी में भी फ्लोटिंग सोलर प्लांट की तैयारी
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और एनएसपीसीएल के बीच 9 मई, 2024 को विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संयंत्र, बीएसपी के मरोदा-1 जलाशय में स्थापित किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा। अनुमान है कि इस संयंत्र से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन विद्युत् का उत्पादन होगा। जिसका उपयोग बीएसपी अपनी कैप्टिव विद्युत् जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा।

इससे बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की सम्भावना है। एनएसपीसीएल, जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना के लिए परामर्शदाता के रूप में कार्य करेगा। इस परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बीएसपी के इस परियोजना के तहत अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है।

इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) बर्नपुर में स्थापित सेल के पहले फ्लोटिंग सोलर प्लांट के लिए इस परियोजना की संकल्पना, डिजाइन, इंजीनियरिंग और कार्यान्वयन आईएसपी के परियोजना एवं डिजाइन विभाग, विद्युत वितरण विभाग, केंद्रीय विद्युत विभाग और इलेक्ट्रो टेक्निकल लेबोरेटरी (ईटीएल) के पावर विंग द्वारा, जल प्रबंधन विभाग (डब्ल्यूएमडी) के सहयोग से इन-हाउस किया गया है। यह परियोजना को मेसर्स क्वांट सोलर को दिया गया है, जिसका काम जुलाई 2022 से शुरू हो चुका था। इस संयंत्र से वाणिज्यिक लाभ मार्च 2024 से प्राप्त किया जा रहा है।

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