भिलाई। रिसाली में पशु क्रूरता का दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक छोटे से बेजुबान कुत्ते के बच्चें (पिल्ले)के साथ क्रूरता करते नजर आ रहा है। बताया गया कि, युवक ने पहले तो बर्बरतापूर्वक Puppy को मारा, फिर उसे उठा कर नाली में फेंक दिया। पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई है, वीडियो में मासूम कुत्ते के बच्चें की चीखें भी सुनाई दे रही है।
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CCTV में कैद हुई करतूत
CCTV फुटेज 22, जून, 2024 के शाम 5 बज के 12 मिनट के आस पास का है। फुटेज में युवक पिल्ले को बर्बरतापूर्वक गले से पकड़ कर ले जाता हुआ भी नजर आ रहा है। रहवासियों ने बताया कि, इसके बाद वो मासूम पिल्ला कही नजर नहीं आया है। मामला दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। आरोपी का नाम आकाश चौधरी बताया जा रहा है, जो रिसाली गांव राजेंद्र प्रसाद ITI के पास रहता है।
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बेजुबानों को रेलवे ट्रैक में बांध देता है युवक
युवक की शिकायत पुलिस में हो गई है पर उसके खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि, आकाश चौधरी अकसर बेजुबान पशुओं को परेशान करता है। कभी गाय को डंडे से मारता है तो कभी कुत्तों को जहर खिला देता है। इसकी बर्बरता यहां तक नहीं रूकती, रेलवे लाइन घर के करीब होने की वजह से आकाश कुत्तों के बच्चों को रेलवे ट्रैक में बांध देता है जिस वजह से उनकी ट्रैन से कुचल जाने से मौत हो जाती है।
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शिकायतकर्ता से बदतमीजी
ऐसे आपराधिक मानसिकता के लोग समाज में कल को किसी इंसान के साथ भी ऐसा कर सकते है। जब शिकायतकर्ता ने इसे रोका तो इसने जो करना है, जिसके पास जाना है हर करलो कहते हुए महिला को गंदी-गंदी मां-बहन की गाली दी और उनके गाड़ियों को गिराकर क्षति पहुंचाने लगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि न जाने इसलिए ऐसे कितने बेजुबान पशुओं को मारा होगा।
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रिहयासी इलाको में चोर और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों में होती है कमी
सबसे बड़ी बात जो ये भी देखा गया है कि युवा पीढ़ी के बच्चों के द्वारा आवारा कुत्तों को परेशान करना, उन पर हमला करना और उनको मारना और कुछ घटनाओं में उनके परिजनों द्वारा उन बेजुबान और निरीह कुतों एवम् अन्य पशु जैसे गाय, बैल, बिल्लियों पर एसिड डालना, गरम पानी डालना एवं ज़हर देना पाया गया है। समय आ गया है हम सब मिलकर समाज को, व्यक्तियों को, बच्चों को इन पशुओं के प्रति ख़ासस्तौर पर सड़क पर पाये जाने वाले कुतों के प्रति प्रेम और सहनभूति के लिए लिए जागृत करे क्योंकि इन आवरा जीवों के वजह से ही रिहयासी इलाको में चोर और असामाजिक तत्वों और गतिविधियों में कमी होती है।
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5 साल तक की हो सकती है सजा!
IPC की धारा 429 किसी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करने को अपराध बनाती है। ये धारा कहती है कि अगर किसी जानवर की हत्या की जाती है, उसे जहर दिया जाता है या फिर अपाहिज किया जाता है, तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। वहीं, पशु क्रूरता निवारण कानून की धारा 11 (1) (L) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी जानवर के हाथ-पैर काटता है या बिना वजह ही क्रूर तरीके से उसकी हत्या करते है, तो ऐसा करने पर दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
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संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g)क्या कहता है?
संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g) कहता है कि हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। यानी, हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन बनाए रखे।
1960 में लाया गया था पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। जैसे- अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है, तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा।
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10 पॉइंट्स में समझिए पशुओं के लिए बने कानून :-
प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) कहती है कि पालतू जानवर को छोड़ने, उसे भूखा रखने, कष्ट पहुंचाने, भूख और प्यास से जानवर के मरने पर आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है। इसपर आपको 50 रुपए का जुर्माना हो सकता है। अगर तीन महीने के अंदर दूसरी बार जानवर के साथ ऐसा हुआ तो 25 से 100 रुपए जुर्माने के साथ 3 माह की जेल सकती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है।
भारत सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल (2001) के अनुसार किसी भी कुत्ते को एक स्थान से भगाकर दूसरे स्थान में नहीं भेजा जा सकता। अगर कुत्ता विषैला है और काटने का भय है तो आप पशु कल्याण संगठन में संपर्क कर सकते हैं।
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भारत सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल (2001) की धारा 38 के अनुसार किसी पालतू कुत्ते को स्थानांतरित करने के लिए चाहिए कि उसकी उम्र 4 माह पूरी हो चुकी हो। इसके पहले उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना अपराध है।
जानवरों को लंबे समय तक लोहे की सांकर या फिर भारी रस्सी से बांधकर रखना अपराध की श्रेणी में आता है। अगर आप जानवर को घर के बाहर नहीं निकालते तो यह भी कैद माना जाता है। ऐसे अपराध में 3 माह की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) के तहत अगर किसी गोशाला, कांजीहाउस, किसी के घर में जानवर या उसके बच्चे को खाना और पानी नहीं दिया जा रहा तो यह अपराध है। ऐसे में 100 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
मंदिरों और सड़कों जैसे स्थानों पर जानवरों को मारना अवैध है। पशु बलिदान रोकने की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निगम की है। पशुधन अधिनियम, 1960, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत ऐसे करना अपराध है।
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किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न करना अपराध है। ऐसा करने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल की सजा हो सकती है।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 16 (सी) के तहत जंगली पक्षियों या सरीसृपों को नुकसान पहुंचाना, उनके अंड़ों को नुकसान पहुंचाना, घोंसलों को नष्ट करना अपराध है। ऐसा करने का दोषी पाए गए व्यक्ति को 3 से 7 साल का कारावास और 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
ट्रांसपोर्ट ऑफ एनिमल रूल्स, 1978 की धारा 98 के अनुसार, पशु को स्वस्थ और अच्छी स्थिति में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना चाहिए। किसी भी रोग ग्रस्त, थके हुए जानवर को यात्रा नहीं करानी चाहिए। ऐसा करना अपराध है।
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