नई दिल्ली, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले मामले में जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहू और व्यापारी दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। SC ने दोनों की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है। दोनों को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बचाव पक्ष से पैरवी की है। SC के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुवन की डबल बैंच ने आदेश जारी किया है। आपको बता दें कि ED ने जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें निलंबित IAS रानू साहू के अलावा निलंबित IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है।

आज ही खबर आई कि, भ्रष्टाचार मामले में ईओडब्ल्यू और एसीबी ने तीन नई एफआईआर दर्ज की है। निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई और निलंबित राप्रसे अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तीनों के खिलाफ अलग-अलग मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है।

इधर, रानू साहू पर साल 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपए की अचल संपत्ति खुद के नाम से और पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप लगा है। जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपए बताया जा रहा है। समीर बिश्नोई की बात की जाए तो उनके पास साल 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपए है। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से 5 करोड़ रुपए की कई अचल संपत्ति ले रखी है, जो उनके वेतन से 500 गुना ज्यादा है।


